कामिया सिन्दूर


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


कामिया सिन्दूर


कामिया सिन्दूर एक दुर्लभ  , रहस्यमयी ,चमत्कारिक वस्तु है
जिसके बारे मे लोगो ने सिर्फ सुना ही है देखा बहुत कम लोगो ने हैं
इसके बारे मे समाज मे बहुत भ्रम फैला हुया है
जैसे कामिया सिन्दूर का तिलक लगाकर शीसे मे देखने से शीशा टूट जाता है

हनुमान जी के लगाने पर चोला उतर जाता है

सिन्दूर की रेखा खीचने से पत्थर टूट जाता है

और येसे ही बहुत बाते सुनने को मिलती है
कई लोग अपने पास असली कामिया होनै का दावा करते है लेकिन जब उनसे उसके असली होने का सबूत मॉगा जाता है तो वो चुप हो जातै है या बैसिर पैर  की बाते करने लग जाते है

एक बात अाप स्वीकार करो या ना करो हमारे शास्त्रो मे जो लिखा है वो अनुभव गम्य है वो गलत नही है
ये अलग बात है कि आज समाज मे झूठ का बोल बाला अधिक है लोगो ने नकली वस्तु ही देखी है असली को नही देखा येसे मे असली की पहचान सम्भव नही हो पाती

और लोग तंत्र को बकवास , झूठा बताते है

इन सब का कारण वो लोग है जिन्होने तंत्र मंत्र को जीवन मे उतारा सफलता पायी और मौन साध लिया
अपने अनुभव लोगो से शेयर करने से बचते रहे नतीजा ये रहा कि सच छुप गया और झूठ का प्रचार हो गया
इस दुनिया मे येसे येसे चमत्कार भरे पडे है जिने लोग जानकर दातो से अगुली दबा लें

कामिया सिन्दूर इनी चमत्कारी वस्तुओ मे आता है
मे कामिया का अपना अनुभव शेयर कर रहा हू
ये सच है कि कामिया सिन्दूर को तिलक लगाकर शीशा चटक जाता है

किसी परा शक्ति के मॉगने पर में कामिया सिन्दूर लाया था
बहुत महगॉ सोने से भी महगॉ मिला था
 उस बन्दे ने मुझे जब वो दिया था तो शीशा तोड कर दिखाया था
और कहा था कि यही असली कामिया सिन्दूर की पहचान है

घर आकर मेने उसका प्रैक्टीकल किया तो शीशे मे देखने मात्र से शीशा चटक गया

उसके बाद मेने कई काम लिये मुझे सफलता मिली

यै शिगंरफ जैसा ही आता है लेकिन शिगंरफ और इसमे यही अन्तर है कि ये सीसा तोडता है और सिगरफ नही तोडता

इसके द्वारा अचूक वशीकरन किया जाता है

हस्थाजोडी को कामिया सिन्दूर मे ऱखने का विधान है
येसे ही सियार सिगीं को भी कामिया सिन्दूर मे ऱख कर पूजन करने से धन निश्चित प्राप्त होता है

इसका  अपने इष्ट जब वो प्रत्यक्ष हो तो उसका तिलक लगा देने से उसकी शक्ति कई गुना बढ जाती है
और देव समाज मे उसका मान बढ जाता है

इसै सिद्ध नही करना पडता ये स्वयं सिध्द है

ये थोडा दुर्लभ अवश्य है लेकिन काम भी उतना ही  चमत्कारिक करता है

और येसी कई दुर्लभ वस्तु है जिनके चमत्कार मेने स्वंय देखे है और वो वस्तु मेरे पास आज भी येसे ही
सुरक्षित है

तो आज के बाद कोई ये कहे कि कामिया से शीशा नही टूटता तो वो झूठ बोल रहा है वो शिगंरफ बेचने के चक्कर मे है



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छोटी छोटी काम की बातै


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छोटी छोटी काम की बाते



साधना करते समय नये पुराने साधको को कुछ परेशानियो का सामना करना पडता है जो कि बहुत मामूली होती है लेकिन अज्ञानता के कारण परेशानी उठानी पडती है

इसलिये ये पोस्ट ध्यान से पढे और अपने जीवन मे उतारे

आजकल सरदी का मौसम है पूजन मे घी का दीपक जलाते समय लेटी हुयी बाती जलाने पर वह बुझ जाती है क्योकि घी जम जाता है इस परेशानी से बचने के लिये दीपक मे खडी बाती का प्रयोग करें


माला को हाथ मे लटकाकर जाप करने से लम्बे अनुष्ठानो मे हाथ मे दर्द होने लगता है
इस परेशानी से बचने के लिये हमेशा गौमुखी जो कपडे की थैली जैसी आती है उसका प्रयोग करें
इससे माला के जमीन मे टच होने के भय से भी मुक्ति मिलती है


कोई भी अनुष्ठान शुरू करने से पहले अंदाजे से उतने समय तक एक आसन पर बैठने का अभ्यास कर लेना चाहिये
जिससे कि जाप के समय बैठने मे दिक्कत ना हो


कुछ साधक मंत्र को जप के समय भूल जाते है या पढ कर जाप करते है इस तरह किये जाप से फल नही मिलता इस परेशानी से बचने के लिये मंत्र को हमेशा कंठस्थ करके ही अनुष्ठान शुरू करै


जाप के समय मल मूत्र की समस्या होने पर जाप से तीन घण्टे से पहले तक कुछ ना खाये ना पानी पियें
येसा करने से आलस भी खतम होता है


यदि किसी के देखने का कोई भय ना हो तो जाप के समय खिडकी खोल कर रखे ताकि धूप , लोभान वगैरह का धुआं कमरे मे ना घुटे क्योकि इनमे मिलने वाले केमिकल के कारन एलर्जी वगैरह हो जाती है
सिर चकराना , उल्टी आदि हो सकती है



जहॉ तक हो सके पूजन सामग्री नयी , ताजी बाजार से लेकर आनी चाहिये
घर मे रखी रसोई की सामग्री के प्रयोग से बचना चाहिये

प्रेत साधना एक दिवसीय


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प्रेत साधना एक दिवसीय



प्रेत साधना तंत्र मे पहली सीडी के रूप मे की जाती है
सिद्ध होने पर प्रेत बहुत से सांसारिक कार्यो मे मदद करते है
ये  साधना तीव्र होती है थोडी डरावनी भी
इसलिये सोच समझ कर करे



ये साधना एक दिन की है
शनिवाक को दिन मे यदि कोई मरे तो जब उसे जलाने ले जाते है  तो मुर्दे के साथ कुछ आटे के गोले बना कर रखे जाते है
आप उनके साथ साथ चले रास्ते मे जब कही उने फेके या समसान मे कही रख दे तो उनके जाने के बाद वो आटे के गोले को प्राप्त कर ले
मु्र्दे का नाम गोत्र पूछ ले

और रात मे 11 बजे वापस समसान मे जाये
अपने साथ वो आटे के गोले ,थोडा गुड , घी , पानी , सफेद मिठाई अगरबत्ती साथ ले जाये

जहॉ मुर्दा जला है वहॉ से चिता के सिरहाने की तरफ थोडी दूर जाकर बैठ जाये
लकडी उपला बीनकर आग जलाये
चारो ओर घेरा खीचं ले
थोडा आटे लेकर दीपक बना ले
बाकी से दो तीन जितनी रोटी बना कर सेक ले

रोटी पर घी लगाकर गुड रखकर बैठे रहे
सारी क्रिया के दौरान मंत्र का जाप करते रहे
जब प्रेत हाजिर हो रोटी मॉगे तो वचन लेकर तब उसे रोटी है

फिर घर आ जाये

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गुरू मंत्र का जाप केसे करें


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गुरूमंत्र की जाप विधि


मेरे द्वारा दिये गये गुरू मंत्र का जाप हमेशा मानसिक करना है
ये मंत्र बिना माला के केवल मन ही मन करना है

गुरूमंत्र का जाप हमेशा चौबीसो घण्टे करते रहना है

गुरूमंत्र सभी मंत्रो से तीव्र , अत्यन्त शक्तिशाली , होता है इसकी शक्ति की कल्पना नही कर सकते
येसा कोई कार्य नही है जो साधक अपने गुरूमंत्र से नही कर सके
चाहे अपनी सुरक्षा हो या किसी दूसरे की
चाहे किसी को बचाना हो या मारना
षटकर्म अकेले इसी मंत्र से हो जाते है
लेकिन गुरूमंत्र का प्रयोग सोच समझ कर करना चाहिये
और हमेशा अन्तिम विकल्प के रूप मे करना चाहिये
भविष्य मे चाहे किसी की साधना करो या कुछ भी मंत्र सिद्ध करो तो मूल मंत्र से पहले गुरूमंत्र की माला अवश्य करनी चाहिये

वेसे तो गुरूमंत्र स्वंय सिद्ध होता है लेकिन साधक को उसकी शक्ति बढाने के लिये उसका सर्वप्रथम सवा लाख का एक पुरष्चरण दशांश हवन सहित अवश्य करना चाहिये
फिर किसी अन्य मंत्र या सिद्धी को प्राप्त करने का या सिद्ध करने का  प्रयास करना चाहिये

गुरूमंत्र हमेशा गुप्त रखें किसी को भी इसके अक्षर तक की गिनती नही बताये कि मेरे गुरूमंत्र में इतने अक्षर है
चालाक लोग ये पूछते है कि तुम्हारा गुरूमंत्र कितने अछर का है और तुम बता देते हो तो वो अंदाजा लगाकर जा लेते है कि तुम्हारा गुरूमंत्र क्या हो सकता है
और फिर वो कुछ भी कर सकते है तुम्हारे साथ







दिन मे दो घण्टे का जाप निम्न विधि से बैठकर करना अनिवार्य है



गुरूमंत्र का जाप कैसे करे

पहले सुखासन मे बैठो जैसे आपको उचित लगे वैसा.
हिलना डुलना नही हे.
मतलब एकदम पत्थर के बुत बन जाओ

गौतम बुध्द की तरह ध्यान अवस्था मे बैठो
यानि हाथ गोदी मे रखो.
हाथ खुले मत रखो बॉधकर रखो
ताकि ऊर्जा चक्रबन सके

कमर सीधी रखो.आँखे बन्द रखो.

विचारो की तरफ ध्यान मत दो विचार आसानी से नही मिटते हैं .इसलिए मंत्र की तरफ ध्यान दो.

फिर गुरूमंत्र का   मानसिक जाप करते रहो.
यानि मंत्र मन मे करना है ना तो जीभ से उच्चारण करना है ना हिलना है

ध्यान मंत्र की तरफ रखो.आपका एनर्जी फोर्स ( यानि जाप के समय अंधेरे मे सामने या ऊपर की ओर देखना होता है वो यानि मंत्र वहॉ गूजेगा जहॉ तुम फोर्स करोगे )
 ऊपर की ओर यानि सिर के ऊपर  जहॉ चुटिया होती है वहॉ रखो.

वहॉ ना जाये तो सामने आज्ञाचक्र पर रखो

अधिक से अधिक समय तक आसन लगा कर बैठो कम से कम दो घण्टे तो करना ही है

बहुत जल्दी चमत्कार शुरू हो जायेगें
फिर तुमे कुछ प्रकाश , या चित्र , या कोई देव या देवी या तुम्हारे कुल का कोई सिद्ध योगी तुमसे सम्पर्क कर सकता है

बहुत जबरदस्त अनुभूति होती है बहुत जल्द होती है
वो केवल मुझे बतानी है
और किसी को नही

इस पूरी क्रिया का गणित सुन लो
दो घण्टे मंत्र का जाप किया तो नार्मल लगभग छः हजार मंत्र का जाप हो जाता है 21 दिन लगातार किया तो सवा लाख जाप हो गया
अधिक किया तो हवन की कमी पूरी हो गयी

फायदे

दो घण्टे की बैठक यानि आसन  सिद्ध हो जायेगा

मंत्र सवालाख हो कर प्रभाव शाली हो जायेगा

जाप करते समय एकाग्रता का अभ्यास हो जायेगा

जाप मे एकाग्रता आ जायेगी

इष्ट कृपा प्राप्ति होगी

गुरू कृपा प्राप्ति होगी

अनुभव होने से मन से भय मिटेगा

साधना समय से करने की आदत पडेगी

और बहुत सी परेशानी से अवगत होगे जो साधनाओ मे आती है यथा घरेलू या बाहरी
उनका समाधान निकालोगे

किसी कारण वश साधना बीच मे रोकनी पडी तो गुरूमंत्र की होने से कोई दुष्परिणाम नही होगा

और सबसे जरूरी घर परिवार या स्थान के देवो को तुम्हारे साधक होने का पता चलेगा और वो तुम्हारी भविष्य मे अन्य साधनाओ मे मदद करेगे

और बहुत ज्यादा मात्रा मे तप शक्ति इकट्ठा होगी जो भविष्य की साधनाओ मे काम आती है

ये सब एक नये पुराने साधक के लिये अनिवार्य है जिनके अभाव मे साधनाये असफल रहती है

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मुस्लिम साधना के नियम

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र *मुस्लिम साधना के नियम* आज मे मुस्लिम साधना के नियम बता रहा हू इनका पालन जिन्न , परी , हमजाद ,पीर ,जिन्नात आदि की साधना मे करना पडता है यै साधना हमेशा वज्रासन मे की जाती है अतएव इनके लिये दो तीन घण्टे तक वज्रासन मे बैठने का अभ्यास होना जरूरी है इनके जाप के समय माला हमेशा बाहर की ओर घुमानी पडती है यानि मनके को अगूठे से बाहर की ओर घुमाते है हमारे मे भीतर की ओर मनके को घुमाया जाता है ये माला हमेशा उल्टे हाथ यानि बाये हाथ से जाप किया जाता है कुछ साधना मे वजू किया जाता है कुछ मे नहाया जाता है जाप शुरू करने से पहले हमेशा बिसिमिल्लाहिरमानिर्हीम का जाप करना चाहिये फिर जाप पूजन शुरू करना चाहिये इनमे साधना के सम्बन्धित पीर फकीर का पूजन किया जाता है जिन्न साधना मे जिन्नो के बादशाह का पूजन किया जाता है त्वरित सफलता के लिये बाबा आदम और अम्मा हव्वा का पूजन करना चाहिये हर गुरूवार किसी पास की मजार पर जाकर पॉच अगरबत्ती लगाकर कुछ प्रसाद चडाकर हरे रंग की चादर चढानी चाहिये पॉच या सात फकीरो को भोजन कराना चाहिये ये साधना अधिकतर पश्चिम मुख होकर की जाती है कोई साधना सम्बंधी समस्या होने पर आप पॉच दीपक जलाकर पंचायत को निमंत्रण दे और उनसे अपनी समस्या बताये तो समस्या का समाधान तुरन्त होता है इसे पंचायत बैठाना बोलते है इने बिठाकर आप पंच तन पाक की दुहाई देते रहे बस समस्या खतम ये जाप हकीक माला या तशवी से किये जाते है तशवी माला से आप कोई भी मुस्लिम साधना का जाप कर सकते है मीठे पान का प्रयोग भी इन साधना मे आप कर सकते है कुछ साधना मे प्याज लहसुन तक बन्द करने होते है पाक जिन्न , जिन्नात पॉचो वक्त के नमाजी होते है इने नमाज के वक्त नही बुलाना चाहिये वेसे भी ये बुलाने पर नही आते है वेसे तो सभी साधना गुप्त रखी जाती है लेकिन इनकी साधना पूर्ण गुप्त रखी जाती है *इनके बेहतर साधक को दरूद शरीफ , आयतुल कुर्सी , याद होनी चाहिये* पेशाब करके इस्तजा करना अनिवार्य होता है

इफरित जिन्न साधना


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इफरित जिन्न साधना


जिन्नो की दुनिया भी विचित्र है
जिन्न जिस पर मेहरबान हो जाये तो माला माल कर देते है और खपा हो जाये तो जान लेकर छोडता है
इनकी साधना की जाती है और इने अपने वश मे किया जाता है
ये बहुत से चमत्कार दिखा सकते है
इनके द्वारा साधक कोई भी वस्तु मगॉ कर दिखा सकता है
एक घण्टे मे किसी का भी वशीकरन कर सकते है
लॉटरी सट्टे के अंक जानना बहुत मामूली चीज है
जिन्न सिद्ध के बाद किसी अन्य शक्ति की साधक को आवश्यकता नही होती

इनके कई प्रकार है इनमे इफरित होते है जो अल्लाह के नेक बन्दे पॉचो वक्त के नमाजी होते है
नमाज के वक्त इने नही बुलाना चाहिये



साधना विधि


ये साधना किसी भी शुक्रवार रात दस के बाद की जाती है
सफेद कपडे पहन हरे आसन पर वज्रासन मे पश्चिम मुख  बैठकर घी का दीपक लगाकर पॉच  अगरबत्ती जला लें गुरू इष्ट की पूजा दे बाबा आदम हव्वा जिन्नो का बादशाह बाबा कमाल खॉ की पूजा दे

फिर जिन्न का आवाहन करे उसे बैठने को हरा आसन दे
पॉच मिठाई का भोग हिना का  सेन्ट
, गुलाब का
पुष्प , लोहबान की धूप से पूजा देकर मंत्र का 333  बार हकीक या तशबी माला से करे
सातवें दिन गुलाब की माला तैयार ऱखे जिन के आने पर माला गले मे डालकर वचन लेलें

जिन्न यदि सातवें दिन
प्रकट न हो तो साधना रेगुलर तब तक करते रहे जब तक प्रत्यक्ष न हो जाये

जप के दौरान होने वाली अनुभूति से डरें नही


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ब्रह्मदेव साधना


ब्रह्मदेव साधना


आज मे आपको घर के किसी प्रेत को जो ब्रह्मदेव हो उसकी साधना  बता रहा हू
ये अपने घर का ही कोई प्रेत होता है जो बहुत शक्तिशाली होता है
वेसे ये साधना एक दिन की है लेकिन कलियुग के कारण इसे कमसे कम पॉच या सात दिन
लगातार करना चाहीये

इस साधना मे माला की आवश्यकता नही है
इसमै इनके प्रत्यक्ष होने पर वचन लेकर इनसे कार्य करवाया जाता है


साधना विधि

ये साधना किसी भी पूर्णमासी या अमावस्या को की जाती है

इसमे सबसे पहले एक पौधा लाना होता है पीपल का जो छोटा हो उसे अपने घर मे लगा लेना है
शाम को 6 बजे पूजन करना है
उसमे एक रूद्राक्ष की माला , जनेउ , पॉच कपडै , चंदन का टीका ,दूध की मिठाई ,कच्चै दूध मे पानी मिलाकर चडाये
ॐ  सर्वपित्रदेवाय नमो नमः  इस मंत्र से सभी पित्रो का आवाहन करना है
सात बार जाप करे

फिर अपने मैन देव का आवाहन करना है यानि घर के मुख्य पितर का
ये सब क्रिया शाम को कर लेनी है छ बजे

अब रात को ११ बजे या सुबह चार बजे से इस मंत्र का जाप करना है तीन घण्टे
ॐ ब्रह्मस्वरूपाय नमो नमः  इस मंत्र का जप करना है दक्षिण मुख होकर
उसे स्थान देना है और दर्शनो की प्रार्थना करनी है
फिर ॐ ब्रह्मस्वरूपाय नमो नमः मानसिक जाप करते हुये ध्यान करना है
तीन घण्टे जाप करना है
दर्शन होने पर तीन वचन लेने है

जप के समय होने वाले अनुभव से डरें नही

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परी साधना


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परी साधना

परियो के बारे मे आपने बहुत कुछ सुन रखा होगा
और सोचते होगे काश कि कोई परी मेरी मदद भी करे
तो मे आज एक परी साधना दे रहा हू जिसके करने के बाद  आप परी को देख सकते हो उससे बात कर सकते हो और किसी भी तरह के काम मे उससे मदद ले सकते हो
परिया कई प्रकार की होती है जिनमे से कुछ काल ज्ञान कराती है कुछ जादू सिखाती है कुछ किसी भी वस्तु को लाकर देने मे सक्षम होती है
और बहुत से चमत्कार दिखा सकती है


साधना विधि


यै साधना किसी भी शुक्रवार को रात ११ बजे करनी है
साधक नहाने के पानी मे गुलाब जल डालकर नहाये या गुलाब का सेन्ट डालकर नहाये
चमेली का तेल सर पर लगाये
लुंगी पहनकर
सफेद जालीदार बनियान और सफेद टोपी लगाकर हरे आसन पर पश्चिम मुख होकर बैठे

पॉच अगरबत्ती लगाये
गुरू इष्ट का पूजन कर ले
सरसो के तेल का दीपक जलाये

परी का आवाहन करे

गुलाब का इत्र  , गुलाब का
 फूल , मिठाई सै पूजन करे
लोहबान की धूप दे

काली हकीक की माला से मंत्र का ११  माला जाप करे

जब सामने परी हाजिर हो तो उससे वचन लेलें
यह साधना ११ दिन की है


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काली साधना


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काली साधना

महाकाली दस महाविधा मे प्रथम स्थान रखती है
ये दिगम्बरा कहलाती है
इनकी गिनती भी उग्रदेवियो मे की जाती है
और इनकी साधना भी उग्र होती है
इनके तेज को सह पाना हर साधक के वश मे नही है
इनकी साधना कम से कम ४० दिन की होती है
इने शराब मॉस का भोग लगता है
वेसे माता की पूजा सात्विक तरीके से भी होती है
लेकिन सात्विक तरीके से उने ही साधना करनी चाहिये जो स्वंय सात्विक रहते हों
इस साधना के बाद माता की कृपा से आप लोगो का भला कर सकते हैं माता की कृपा के बाद साधक क्या कर सकता है यह बताने की जरूरत नही है आपको मान यश धन सब कुछ माता की कृपा से मिल जायेगा

साधना विधि

ये साधना किसी माह की कृष्णपक्ष की अष्टमी या अमावस्या से शुरू कर सकते है
साधक रात को नहाधोकर ११ बजे से आसन पर बैठे काला आसन काले कपडे मिठाई काली कालेफल दीपक को भी काले रंग का ले रूई को भी काले रंग से रंग कर प्रयोग करे
दक्षिण दिशा की ओर मुह करके बैठे
सामने एक काला कपडा जमीन पर या चौकी पर बिछा ले उस पर काले रंग की काली जी की मूर्ति स्थापित करे
फिर प्राथमिक पूजन करे
फिर माता काली का आवाहन उस मूर्ति मे करे
फिर उस मूर्ति के सिन्दूर से तिलक करे धूप , दीप तेल का , चंदन , सिन्दूर , फल , फूल ,मिठाई , लौग का जोडा बताशे के साथ लगाकर दे ,
एक खप्पर में कपूर जलाकर उसमे बूदी के लड्डू ,लौग बताशा  छुआरा किशमिश सूखा नारियल की थोडी गिरि को आग मे डाल कर भेंट दे
सात्विक करनी हो तो पानी वाले नारियल की भेंट दै और अगर उग्र रूप से करनी हो तो शराब और मॉस की बलि दें

फिर एक माला गुरूमंत्र की करके रूद्राक्ष माला से 21 माला का जाप करे
जाप के समय होने वाली अनुभूति से भय न करे अपने चारो ओर रछा कवच करके साधना मे बैठे
येसा प्रतिदिन 40 दिन करे
40 वे दिन माता के प्रत्यक्ष होने पर डरे नही
पुष्प माला गले मे डालकर माता को साष्टॉग प्रणाम करे माता के वर मॉगने को कहने पर वर मॉग ले
इस सिद्धि के बारे मे किसी को न बताये हमेशा गुप्त रखें
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वराह साधना


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भूमि भवन वराह साधना

कई बार हमारे सामने येसी समस्या आ जाती है जिसका निदान नही हो पाता
हम मकान लेते है तो कोई दिक्कत आ जाती है
कई लोगो के मकान या प्लाट वो बेचना चाहते है लेकिन पार्टी आकर देखकर चली जाती है येसी स्थति मे हम असहाय से खडे देखते रहते है
इस साधना के प्रभाव से आपकी भूमि भवन प्लाट के रूकें हुये कार्य पूरे हो जायेगे
एक बार प्रयोग करने से परिणाम न मिले तो दुबारा विधिवत अनुष्ठान करना चाहिये सफलता निश्चित मिलेगी

साधना विधि

ये प्रयोग रविवार शुक्रवार से शुरू कर सकते है

प्रातः काल नहाधोकर शुद्ध हो किसी कच्ची जमीन को शुद्ध करके पूरब मुख होकर सफेद वस्त्र पहन कर सफेद आसन पर बैठे
सामने  वराह भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित कर ले

जिस काम के लिये साधना करनी है उसका संकल्प ले ले
फिर गुरू इष्ट का पंचोपचार पूजन करे
फिर वराह भगवान का आवाहन करके पंचोपचार पूजन करे  फल फूल मिठाई अर्पित करें

एक माला गुरू मंत्र का जाप करे फिर वराह मंत्र का ११ माला जाप करे ११ दिन के लिये
नित्य प्रसाद बच्चो मे बॉटना चाहिये
येजाप रूद्राक्ष की माला से कर सकते है
जप के बाद छमा मॉगे
और अपनी मनोकामना को शीघ्र पूरा करने की प्रार्थना करै

एक बार मे काम न होने पर ये अनुष्ठान दुबारा करना चाहिये


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संकल्प विधि


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संकल्प

आज मे आपको संकल्प के बारे मे जानकारी दे रहा हू कि ये क्या है क्यो आवश्यक है कैसे लिया जाता है

जब हम कोई साधना करते है तो हमे देवता को अपना पता , अपना कार्य , कितना जप या पूजन ,और कितने दिन कर रहे है और देवता को किस रूप मे सिद्ध कर रहे है ये  सब बताने की क्रिया को संकल्प लेना कहते है

जैसे कुछ साधक प्रतिदिन एक या दो या पॉच माला का जाप करते है तो यदि हम वह जाप संकल्प लेकर करते है तो उसका फल निश्चित रूप से तुरन्त मिलेगा और यदि हम बिना संकल्प लिये करते है तो उसका फल न जाने कब कहॉ कैसा मिले कुछ निश्चित नही है

एक तो संकल्प है विष्णो विष्णो विष्णो वाला जो संस्कृत मे है प्रत्येक उसे नही कर पाता
जिने संस्कृत आती है केवल वही कर सकते है

आपको संस्कृत नही आती
तो आप् हिन्दी मे कर सकते है वेसे मे अपना तरीका बताता हू जैसे मे करता हू इसे प्रतिदिन की साधना जो सुबह शाम हम जाप करते है उसमे भी प्रयोग करना है

सबसे पहले दाहिने हाथ मे थोडे से चावल और पानी ले लो बायॉ हाथ  दाये के नीचे रखो और बोलो मै ( जो इष्ट है उसका नाम )  को और दीपक की तरफ देखकर अग्नि देव को लोटे की तरफ देखकर जलदेव को साक्षी मानकर श्री अमुक ( अमुक की जगह गुरू का नाम ले )  गुरू द्वारा प्राप्त
अमुक मंत्र ( मंत्र का उच्चारण करे ) का अमुक की प्राप्ति ( अपनी इच्छा बताये ) इतनी माला ( माला की संख्या बताये जितना जाप करना है )
जप कर रहा हू  भगवान शिव मेरा जप सफल हो मेरी मनोकामना पूरी हो येसा बोलकर चावल पानी को नीचे जमीन पर गिरा दें

उदाहरण
मे  भगवान शिव माता पार्वती को अग्नि देव और जल देव को साक्षी मानकर श्री गिरीश गुरूजी द्वारा प्राप्त ॐ श्री लक्ष्मि,,,,,, ,,, नमः  मंत्र का धन प्राप्ति के लिये पॉच माला जाप कर रहा हू
हे भगवान शिव मेरा जप सफल हो मुझे धन की प्राप्ति हो

फिर गुरूमंत्र का एक माला जाप करके मूल मंत्र का जाप करे


जाप के बाद चम्मच मे या हाथ मे जल लेकर बोले ( जिस देव का जप किया है उसका नाम ले ) अमुक देव मेने जो अमुक गुरू द्वारा प्राप्त मंत्र का जितनी माला (संख्या बताये ) का अमुक इच्छा ( इच्छा बताये ) के लिये जो जप किया है  वह मे आपको समर्पित करता हू आप इसे स्वीकार करे और मेरी मनोकामना पूरी करे ( कल्पना मे जप को देव के दाये हाथ और देवी के बाये हाथ मे समर्पित करे ) जल को जमीन पर छोड दें

उदाहरण
हे माता लक्ष्मी मेने जो श्री गिरीश गुरूजी द्वारा प्राप्त मंत्र का धन प्राप्ति के लिये जो पॉच माला का जाप किया है वह मे आपको समर्पित करता हू स्वीकार करे मेरी मनोकामना पूरी करे




ये हुयी प्रतिदिन की साधना विधि

अब अगर किसी को सिद्ध करना है तो इस संकल्प मे अपना नाम पता जोडकर और उस रूप को बोलते है जिस रूप मे हम उसकी साधना कर रहे है

उदाहरण
मै हरेश कुमार & गंगाराम गॉव परखम जिला मथुरा से भगवान शिव अग्निदेव और जलदेव को साक्षी मानकर मे ॐ ह्रीम ,,,,,,,   मंत्र द्वारा उर्वशी अप्सरा का प्रेमिका के रूप मे  आवाहन पूजन कर रहा हू
११दिन तक २१ माला का जाप उर्वशी अप्सरा की सिद्धि प्राप्ति के लिये कर रहा हू

जाप करते समय हमेशा किसी को साक्षी अवश्य बना लेना चाहिये

संकल्प मे गुरू का नाम मंत्र जोडने से मंत्र अचूक और  तुरन्त प्रभावी होता है
क्योकि देव को पता है ये मंत्र गुरू से लिया है

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काल भैरव साधना


[26/10, 9:07 am] tantrikaharesakumaraguruj: हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


भैरव साधना

शक्ति की साक्षात मूर्ति का नाम है भैरव
यै जिन साधको पर प्रसन्न हो जाते है वो तंत्र मे उच्च कोटि के साधक बनकर इस दुनिया मे नाम यश कमाते है
भैरव की साधना कई प्रकार कई रूपो मे की जाती है
ये
इनकी साधना उग्र साधनाओ मे आती है
कुछ लोग इने तामसिक मानते है लेकिन आप इनका पूजन सात्विक रूप मे भी कर सकते है
इनके सात्विक रूप का पूजन मे करता और करवाता आ रहा हू
ये बहुत शीघ्र परिणाम देते है
मे सात्विक पूजन की विधि दे रहा हू साधक करके लाभ उठाये
इस साधना मे भैरव के रूप के प्रत्यक्ष दर्शन तो इनके पूर्ण प्रसन्न होने पर और विरले साधको को होते है मानसिक या सपने मे ये दरसन दे कर मनोकामना पूरी करते है



साधना विधि

साधक नहा धोकर काले आसन पर बैठे
काले कपडे पहने
ये साधना अष्टमी या रविवार या अमावस्या से शुरू कर सकते है
मुह दक्षिण दिशा की ओर करके बैठे एक तिकोना पत्थर लेकर उसे सिन्दूर से रंगकर एक थाली मे कालेकपडे पर स्थापित करे
जितने दिन पूजन करे उतने दिन का संकल्प लेले
फिर प्राथमिक पूजन करे
फिर भैरव का आवाहन उस पत्थर मे करे
फिर सिन्दूर का टीका उस पत्थर को लगाकर स्वंय भी लगाये
पंचोपचार पूजन करे उडद के सात मगोडे  , लौग का जोडा बताशे मे लगाकर , भोग दे
साधना मे दरसनो की प्राप्ति की प्रार्थना करे

फिर रूद्राक्ष की माला से पहले गुरूमंत्र की एक माला करे
फिर मंत्र का २१ माला जाप करे
कुछ अनुभूति हो तो भय न करे
यही सफलता की निशानी है
जप के बाद जप देवता को अर्पित करके छमॉ मॉगे
और वही कमरे मे सोये
येसा लगातार 40 दिन करे
नही  हो तो 21 दिन करे कृपा प्राप्त हो जायेगी

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साधना के नियम


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

साधना के नियम

आज मे साधको को वो नियम बताता हू जिनके कारण उनकी साधना सफल असफल होती है
कुछ साधको को तंत्र के प्राथमिक नियम नही पता है नतीजा ये रहता है कि साधना सफल नही होती


1  तंत्र का पहला नियम है कि ये एक गुप्त विधा है इसलिये इसके बारे मे आप केवल अपने गुरू के अलावा किसी अन्य को अपनी साधना या साधना के दोरान होनी वाली अनुभूति को किसी अन्य को न बताये
चाहे वो कोई हो चाहे कुछ हो
सपने तक किसी को नही बताये
यदि येसा किया जाता है तो जो अनुभूति मिल रही है वो बन्द हो सकती है साधना असफल हो सकती है
उग्र देव की साधना मे प्राण तक जाने का खतरा है
इसलिये क्सी से कुछ शेयर न करे सिवाय गुरू के

2  दूसरा नियम गुरू द्वारा प्रदान किये गये मंत्रो को ही सिद्ध करने की कोशिश करे

3. साधना काल मे यानि जितने दिन साधना करनी है उतने दिन ब्रह्मचर्य रखे
शारीरिक सम्बंध न बनाये
मानसिक ब्रह्मचर्य के टूटने की चिंता नही करे
इस पर किसी का वश नही है
जैसे नाइट फॉल

4.  साधना के दौरान कमरे मे पंखा कूलर न चलाये ये तीव्र आवाज करते है जिनसे ध्यान भंग होता है
एसी रूम मे बैठ सकते है
या पंखा बहुत स्लो करके बैठे
सबसे अच्छा यही है कि पंखा न चलाये
क्योकि साधना के दौरान होने वाली आवाज को अाप पंखे की आवाज मे सुन नही पाते हो

5  कमरे मे आप बल्ब भी बन्द रखे क्योकि ये पराशक्तियॉ सूक्ष्म होती है इने तीव्र प्रकाश से प्रत्यक्ष होने मे दिक्कत होती है

6.  जप से पहले जिस की साधना कर रहे हो उसे संकल्प लेते समय  जिस रूप यानि मॉ बहन पत्नी दोस्त दास रक्षक  जिस रूप मे करे उसका स्पष्ट उल्लेख करे
ताकि देवते को कोई दिक्कत न हो और वो पहले दिन से आपको खुलकर  अनुभूति करा सके

7.  जाप के समय ध्यान मंत्र पर ऱखे  कमरे मे होने वाली उठापटक या आवाज की तरफ ध्यान नही दे

8.   कोई भी उग्र साधना करने पर सबसे पहले रक्षा मंत्रो द्वारा अपने चारो ओर एक घेरा खींच ले
मे परी अप्सरा यक्ष गन्धर्व  जिन्न की साधना मे कवच नही करवाता किसी को कोई दिक्कत नही हुयी
आप भी इने बिना कवच के कर सकते है ये सौम्य साधना है
घर से बाहर हमेशा कवच करके बैठे

8 कवच चाकू , लोहे की कील , पानी , आदि से अपने चारो ओर मंत्र पढते हुये घेरा खीचे

9.  जाप के बाद अपराधो के लिये छमा अवश्य मॉगे

10. जाप के बाद उठते समय एक चम्मच पानी आसन के कोने के नीचे गिराकर उस पानी को माथे से  अवश्य लगाये
इससे जाप सफल रहता है

11.  साधना के दौरान भय न करे ये शक्तियॉ डरावने रूपो मे नही आते
अप्सरा यक्ष यक्षिणी परी
गन्धर्व विधाधर जिन्न आदि के रूप डरावने नही है मनुष्यो जैसे है आप इनकी साधना निर्भय होकर करे

12.  अप्सरा हमेशा प्रेमिका रूप मे सिद्ध करे

13 यक्षिणी जिस रूप मे सिद्ध की जाती है उस रूप को थोडी दिक्कत रहती है
लेकिन ये उने मारती नही है डरावने रूप भी नही दिखाती
कुछ यक्षिणी कोई भी कष्ट नही देती
अतएव आप निर्भय होकर इनकी साधना कर सकते है

14 सबसे जरूरी बात जो भी साधना सिद्ध होती है या सफल होती है तो पहले या दूसरे दिन प्रकृति मे कुछ हलचल हो जाती है यानि कुछ सुनायी देता है या कुछ दिखायी देता है या  कुछ महसूस होता है
यदि ऐसा न हो तो साधना बन्द कर दो वो सफल नही होगी
लम्बी साधना जैसे 40 या 60 दिनो वाली साधना मे सात दिन मे अनुभूति होनी चाहिये

15.   साधना के लिये आप जिस कमरे का चुनाव करे उसमे साधना काल तक आपके सिवा कोई भी दूसरा प्रवेश नही करे
कमरे मे कोई आये जाये ना सिवाय तुम्हारे

16.  साधना काल मे लगने वाली सूखी सामग्री का पूरा इंतजाम करके बैठे

17  फल फूल मिठाई  हमेशा प्रतिदिन ताजे प्रयोग करे

18.  पूरी श्रद्धा विश्वास एकाग्रता से साधना करे ये सफलता की कुंजी हैं

19. ये पराशक्तियॉ प्रेम की भाषा समझती हैं इसलिये आप जिस भाषा का ज्ञान रखते है इनकी उसी भाषा मे पूजन ध्यान प्रार्थना करे
इने सस्कृत या हिन्दी या अग्रेजी से कोई मतलब नही है
अगर आप गुजराती हो तो आप पूरा पूजन गुजराती मे कर सकते है अगर आप मराठी हो तो पूरा पूजन मराठी मे कर सकते हो  कोई दिक्कत नही होगी

20.  और ये महान  शक्तियॉ है इसलिये हमेशा इनसे सम्मान सूचक शब्दो मे बात करे

21.  साधना कोई वैज्ञानिक तकनीक नही है जैसा आप लोगो को बताया जा रहा है अगर येसा होता तो अब तक भूत प्रेत का अस्तित्व वैज्ञानिक साबित कर चुके होते
ये एक जीवित शक्तियो की साधना है जिसमे देवता का आना ना आन उस देव पर भी निर्भर करता है कि आपसे वो कितना खुश है

22.   येसा कभी नही होगा कि कोई भी 11 दिन 21 माला का जाप बिना श्रद्धा विश्वास  कर दे और अप्सरा आदि उसके समक्ष आकर खडी हो जाये

23.   मंत्रो की ध्वनि का जीवित व्यक्ति के श्रद्धा विश्वास जाप करने पर ही व

24. जिस कमरे में साधना करनी हो उसमें किसी भी देवी या देवता की या घर के किसी मृतक की तस्वीर या पोस्टर न हो।

तीन वचन


[22/10, 8:40 a.m +.   हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


तीन वचन


कुछ साधक साधना करते है तो उनकी साधना जब सफल होती है तो उने समस्या होती है कि देव के प्रत्यक्ष होने पर क्या करे
आज मे बताता हू कि देव से किस प्रकार वचन लिये जाते है
साधना  के अन्तिम दिन विशेष तैयारी करनी चाहिये
चाहे साधना किसी की है
गुलाब के फूलो की माला अवश्य अपने पास रखे
देव के प्रत्यक्ष होने पर डरें नही
देव हमेशा जाप पूरा होने से पहले ही प्रत्यक्ष हो जाते है
लेकिन जब तक जाप पूरा ना हो जाये हमें आसन नही छोडना है चाहे जो हो जाये
जाप पूरा होने के बाद उठकर उने प्रणाम करे
कभी कभी किसी कारण से देव प्रत्यक्ष न हो तो माला का जाप उस रात बढा देना चाहिये तब तक जब तक देव प्रत्यक्ष न हो
माला गले मे डाल दें
जब वो पूछे कि क्या चाहिये या मे क्या काम करू या मेरे लिये क्या आज्ञा है या मुझे क्यो याद किया है तो उससे कहे  कि मे जब आपको याद करू तो आप उपस्थित हों
तब वह देव कहेगा कि मे फलाने मंदिर या किसी अन्य विशेष जगह पर नही आ सकता तो आप समझ कर हॉ करे नही तो उससे कुछ और शर्ते लगा कर हॉ करे

फिर दूसरा वचन ले कि मे जिस कार्य को कहू वो पूरा करे
तब वह देव कहेगा कि ठीक है लेकिन मे गलत काम या फलाना नही करूगा
तब उससे कह दे कि गलत कार्य आ पडा इमरजेन्सी मे  तो आपको करना होगा
लेकिन मे नार्मल नही करवाउगा
फिर जैसे सैदा हो जाये


फिर तीसरा वचन ले कि किसी कारण चाहे कोई गलती हो तुम मुझे या मेरे परिवार को किसी भी तरह से परेशान नही करोगे डराओगे नही सताओगे नही और सदैव रक्षा करोगे

तो वो सारे वचन दे देगा
सारे वचन तीन तीन बार कहलवा कर लें

कुछ साधनाओ मे शक्ति स्वयं ही आकर कह देती है कि मे तुम्हारी दासी या पत्नी या दोस्त या मॉ  के रूप मे मदद करूगा
या दोस्त या पत्नी बनकर रहूगा

कभी कभी देव कुछ गलत मॉग कर लेते है ऐसा करने पर कभी भी हॉ नही करना चाहिये
जैसे वो तुमसे तुम्हारे बच्चो की मॉग करता है तो उसे तुरन्त मना कर देना चाहिये
एसे ही कुछ देव आपकी पत्नी की मॉग भी कर सकते है
उने स्पष्ट मना कर दे
कभी कभी देव कहते है कि भाई मैं तुम्हारा इतना काम करूगा तो तुम मुझे खाना खिलाउगे  या भूखा रखोगे
तब होशियारी से बोल दीजिये कि काम होने के बाद मे आपको इतने लड्डू या मिठाई सेन्ट या इतनी अगरबत्ती दूगा
मात्रा अवश्य कह देनी चाहिये नही तो इनका पेट भरना साधक के लि़े ये सम्भव नही है
ये जब तुमे अपने साथ ले जाने की कहे तो तुरन्त मना कर दें येसा नही सोचे कि वो परीक्षा ले रहा है क्योकि तुमने कहा कि ठीक है मे साथ चलूगा तो वो तुमे तुरन्त ही मार देगा

साधना काल मे देव से जो वचन हो जाये जो तुम एग्रीमेन्ट कर लो  तो उसे किसी भी हाल मे तोडना नही चाहिये
नही तो बहुत दुख कष्ट भोगना पडता है
कभी भी कोई शक्ति जब तक तुम वचन नही तोडोगे तुमे परेशान नही करेगी चाहे वो कितनी भी उग्र हो तामसिक हो
और वचन टूटने पर हनुमान जी भी माफ नही करते ये याद रखना
ये मेरे अपने अनुभव है किताबी नही है

साधना के बाद आपका जीवन सुख से बीतेगा या दुख के साथ ये देवता से किये गये वचनो पर निर्भर करता है
देवता से हमेशा वही काम ले जिसका उससे वचन लिया गया है
अच्छे काम वाले से गलत न कराये
और गलत वाले से अच्छा न कराये
नही तो रोने के लिये तैयार रहे

सारे देव ठीक है कोई भी नाहक किसी साधक को परेशान नही करता
यदि तुमने उनसे मारण मोहन उच्चाटन विद्वेषण जैसे उग्र और घिनौने काम करवाये है तो आपको उनका फल भी भोगना होगा

और सबसे आवश्यक बात कि धन प्राप्ति के लिये उसकी कृपा का इन्तजार करे
सट्टे या लॉटरी के द्वारा नम्बर द्वारा धन चाहो तो उससे ये नम्बर रोज रोज नही मॉगने चाहिये
महीने दो महीने मे उससे लेने चाहिये

धन प्राप्ति के लिये उससे प्रार्थना करनी चाहिये उसे आदेश नही दे क्योकि आदेश देने पर वे धन दे तो देगे लेकिन वो धन टिकेगा नही जल्दी ही नष्ट हो जायेगा
जो वह प्रसन्न होकर देगा वो स्थायी रहेगा
सबसे बेहतर है अपने कामो मे उससे मदद लेते रहना
इन शक्तियो द्वारा हमेशा परोपकार करना चाहिये
जितना हो लोगो का भला करे
आप कभी दुखी नही रहोगे
वरना ये याद रखे

जब तूने औरौ को रूलाया
अब क्यो फूट के रोये रे
फूलो की है तुझको चाहत
फिर कॉटे क्यो बोये रे

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लक्ष्मी कुबेर साधना


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लक्ष्मी कुबेर साधना


दीपावली हमारे जीवन मे बहुत  महत्व रखती है
इस दिन किसी भी साधना की शुरूवात करना फलदायी होता है
मे एक साधना बता रहा हू जिसके करने से आपको धन की समस्याओ से निजात मिल जायेगी
ये साधना धन प्राप्ति के लिये की जाती है
यह साधना तीन दिन की है

यदि साधना को लगातार 40 दिन करते है  तो सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती है

इसके द्वारा मेने कई लोगो के जीवन मे धन की परेशानी खतम की है आज वो सम्पन्न जीवन जी रहे है


साधना विधि

यह साधना धन त्रयोदशी से प्रारम्भ होती है  दीवाली की रात को सम्पन्न हो ती है
इसे  7. , 11 , 21 या 40 दिन तक लगातार कर सकते है
जाप का समय अपने सुविधा  अनुसार दिन या रात का रख सकते है

नहा धोकर सबसे पहले सफेद वस्त्र पहने
चॉदी के दो सिक्के यदि मिल सके तो सामने स्थापित कर ले

सामने लक्ष्मी कुबेर की मूर्ति या तस्वीर किसी चौकी पर या जमीन पर लाल वस्त्र पर स्थापित करे
फोटो हो तो सामने टांग ले
पश्चिम मुख होकर लाल आसन पर बैठे

सर्व प्रथम धन प्राप्ति के लिये संकल्प लें
जितने दिन करना हो उतने दिन का
जितना जाप करना हो उतने जाप का संकल्प लें

गुरू गणेश पूजन करे प्राथमिक पूजन विधि की मेरी पोस्ट पढे उसके अनुसार पूजन करे
कुबेर जी का आवाहन एक सिक्के पर करके पूजन करे
माता लक्ष्मी का  दूसरे सिक्के पर आवाहन करके पूजन करे
पूजन पंचोपचार करे
सरल विधान ठीक रहता है

सस्कृत पढ लेते हो तो पॉच पाठ कनक धारा के करें

एक माला गुरूमंत्र की करे
फिर कुबेर मंत्र की ११ माला जाप करे
जप कुबेर जी को निवेदित करे
फिर 21 माला लक्ष्मी मंत्र की करे
जप के बाद ये जप भी माता को समर्पित कर दें
गलती अपराधो के लिये छमा मॉगे

तीन दिन कमल गट्टो का  तिल के तेल  द्वारा  हवन करना है सामर्थ्य के अनुसार
कम से कम प्रतिदिन 108 कमल गट्टो द्वारा हवन करना है


माला की संख्या अपने सामर्थ्य के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते है
दिन भी कम ज्यादा कर सकते है
लेकिन तीन दिन ये साधना करनी आवश्यक है
जितना अधिक आप जाप करेगे आपको लाभ भी उतना ही अधिक होगा

कुबेर मंत्र

ॐ श्री कुबेराय धनं मे  देहि देहि कुबेराय नमः

लक्ष्मी मंत्र

ॐ श्री लक्ष्मिभ्यो  धनं मे
देहि देहि लक्ष्मिभ्यो नमः

प्राथमिक पूजन की विधि पता न हो तो मुझसे पूछ ले
मे पोस्ट भेज दूगा



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मोहम्मदा वीर की साधना



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सट्टे की साधना मोहम्मदा वीर की



धन प्राप्ति का सबसे सुगम मार्ग है सट्टे द्वारा धन प्राप्त करना इसके लिये मे आज एक मोहम्मदा वीर की साधना दे रहा हू
करके लाभ उठाये


साधना विधि

ये साधना होली की रात ,दीवाली की रात ,या किसी भी ग्रहण मे शुरू कर सकते है
साधक रात मे नहा धोकर सफेद कपडे पहन कर  काले आसन पर
पश्चिम मुख होकर
बैठे
गुरू इष्ट पूजन करे
लौभान गूगल अगरबत्ती जला ले
हलवा का भोग लगाकर मोहम्मदा वीर से प्रार्थना करे
मंत्र का पॉच माला का जाप हकीक की माला से करे
जप के बाद गलती के लिये छमा मॉगे
जप मे कुछ अनुभव हो सकते है डरना नही चाहिये
ये साधना ११ दिन करनी है
इसके बाद नम्बर आपको रात मे स्वप्न मे मिलने शुरू हो जायेगे

इस साधना मे मोहम्मदा जी से वार्तालाप भी सम्भव है अगर येसा होता है तो न म्बर वो प्रत्यक्ष देते है
ज्यादा लोभ मे न पडे उतना ही ले जितने की जरूरत हो

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अग्नि वैताल साधना





वैताल साधना


वैताल साक्षात शक्ति का  रूप है
और इसकी साधना बहुत भयकारी होती है
ये उच्च कोटि की साधना होती है
वैताल साधक बहुत कुछ कर सकनै की शक्ति से सम्पन्न हो जाता है

मे एक सोम्य साधना बता रहा हू वेसे तो वैताल की कोई साधना सोम्य नही है

लेकिन ये अन्य साधना की अपेक्षा काफी सोम्य है
 वैतार बारह प्रकार के होते है
वैताल अलग अलग शक्ति विशेष मे पारंगत देव है
और इने सिद्ध करके उस विधा मे साधक पूर्ण निपुण हो जाता है

जैसे अग्नि वैताल की साधना करके साधक कही भी अग्नि लगा सकता है या बुझा सकता है


साधना विधि



मंगल वार कृष्ण पक्ष  से  शुरू करनी है
रात बारह बजे नहा धोकर किसी एकांत स्थान पर
काले कम्बल पर  दक्षिण मुख होकर बैठे
काले कपडे पहन कर करे
सबसे पहले रक्षा कवच कर ले
प्राथमिक पूजन करे
फिर सामने घास फूस का ढेर रखे

मंत्र का ११ माला जाप करे

फिर इस मंत्र का जाप करते हुये साबुत उडद के 108  दानै को उस घास फूस पर फैके

एक बार मंत्र पढकर एक दाना फैकना है

साधना के बाद क्षमा मॉगे
घर आ जाये
ये क्रिया लगातार २१ दिन तक करे
२१ वे दिन खीर बनाकर साथ ले जाये
गुलाब की माला भी साथ ले जाये

मंत्र जाप के समय या उडद फैकते समय जैसे ही उस घास फूस के ढेर मे आग लगेगी वेसे ही वैताल जीभ निकाल कर हुंकार कर हाथ बढाये तो तुरन्त उसे खीर का दोना दे दे

फिर जैसे ही वो बात करने लगे तुम गुलाब माला उसके गले मे डाल दे
और उससे वचन लेले की तुम मेरे वश मे रहकर मेरा काम सिद्ध करना

साधना के बाद बैताल को जब भी याद करोगे वो तत्काल हाजिर होकर काम पूरा कर देगा


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी 9690988493
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बवासीर का इलाज


जड़ से बवासीर खत्म करने के 15 उपाय


बवासीर के मस्सों को दूर करने के लिए 2 प्याज को भूमल (धीमी आग या राख की आग) में सेंककर छिलका उताकर लुगदी बनाकर मस्सों पर बांधने से मस्से तुरन्त नष्ट हो जाते हैं।
चाय की पत्तियों को पीसकर मलहम बना लें और इसे गर्म करके मस्सों पर लगायें। इस मलहम को लगाने से मस्से सूखकर गिरने लगते हैं।
लगभग 60 ग्राम काले तिल खाकर ऊपर से ठंड़ा पानी पीने से बिना खून वाली बवासीर (वादी बवासीर) ठीक हो जाती है। दही के साथ पीने से खूनी बवासीर भी नष्ट हो जाती है।
मेंहदीं के पत्तों को जल के साथ पीसकर गुदाद्वार पर लगाकर लंगोट बांधे। इससे मस्से सूख कर गिर जाते हैं।
बैंगन को जला लें। इनकी राख शहद में मिलाकर मरहम बना लें। इसे मस्सों पर लगायें। मस्से सूखकर गिर जायेंगें।
हरसिंगार के बीजों को छील लें। 10 ग्राम बीज में 3 ग्राम कालीमिर्च मिलाकर पीसकर गुदा पर लगाने से बादी बवासीर ठीक होती है।
छोटी हरड़, पीपल और सहजने की छाल का चूर्ण बनाकर उसी मात्रा में मिश्री मिलाकर खायें। इससे बादी बवासीर ठीक होती है।
सांप की केंचुली को जलाकर उसे

सरसों के तेल में मिलायें। इस तेल को गुदा पर लगाने से मस्से कटकर गिर जाते हैं।


कपूर को आठ गुना अरण्डी के गर्म तेल में मिलाकर मलहम बनाकर रखें। पैखाने के बाद मस्सों को धोकर और पौंछकर मस्सों पर मलहम को लगायें। इसको लगाने से दर्द, जलन, चुभन आदि में आराम रहता है तथा मस्से सूखकर गिर जाते हैं।
फूली हुई और दर्दनाक बवासीर पर हरी या सूखी भांग 10 ग्राम अलसी, 30 ग्राम की पुल्टिश बनाकर बांधने से दर्द और खुजली मिट जाती है।
तुलसी के पत्ते का रस निकालकर इसे नीम के तेल में मिलाकर प्रतिदिन सुबह- शाम मस्सों पर लगाएं। मस्सों पर इसको लगाने से मस्से जल्द

ठीक हो जाते हैं।
चुकन्दर खाने व रस पीते रहने से बवासीर के मस्से समाप्त हो जाते हैं।
बवासीर के मस्सों पर करीब एक महीने तक लगातार पपीते का दूध लगाने से मस्से सूख जाते हैं।
भूनी फिटकरी और नीलाथोथा 10-10 ग्राम को पीसकर 80 ग्राम गाय के घी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम मस्सों पर लगायें। इससे मस्से सूखकर गिर जाते हैं।
कनेर की जड़ को ठंड़े पानी के साथ पीसकर शौच जाते समय जो मस्से बाहर निकल जाते है उन पर लगाने से वे मिट जाते हैं।

आकर्षण प्रयोग


आकर्षण प्रयोग


कभी कभी ऐसा होता है कि किसी बात से नाराज होकर कोई लडका या लडकी घर से चला जाता है
या कई बार ऐसा होता है कि किसी ने कुछ प्रयोग कर दिया होता है तो घर का सदस्य घर से निकल जाता है
काफी मेहनत के बाद भी कुछ पता नही चलता है
ऐसी परिस्थिति मे व्यक्ति लाचार हो जाता है

तो तंत्र द्वारा उसे बुलाया जा सकता है
येसे प्रयोगो को आकर्षण प्रयोग कहते है

इस प्रयोग द्वारा किसी घर से भागे लडके या लडकी को बुलाया जा सकता है
किसी ऱूठ कर गये व्यक्ति को बुलाया जा सकता है


साधना विधि

यह प्रयोग मंगल से शुरू करना होता है

साधक रात को नहा धोकर उत्तर मुख होकर आसन पर बैठे

प्राथमिक पूजन करे

फिर मंत्र का ११ माला जाप करे
फिर दूसरे मंत्र की एक माला जाप करे
प्रतिदिन ११ दिन तक साधना करे


प्रयोग के समय किसी भागे हुये व्यक्ति के कपडे पर चूहे के बिल की मिट्टी , बिनौले , सरसो के दाने  मंत्र पढ पढ कर मारे
ऐसा करने से वो व्यक्ति जहॉ भी होगा वापस घर आ जायेगा


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सरस्वती साधना



सरस्वती साधना

पढी विधा न भूलने की


कुछ बच्चे ऐसे होते है उने कि वो कितना भी पढ ले याद ही नही होता
मे आज एक ऐसी सरस्वती माता की साधना बता रहा हू जिसके करने के बाद आप पढे लिखे को बहुत बेहतर तरीके से याद कर सकते हो
इस साधना से आपकी बुद्ध तीव्र हो जाती है
याददाश्त बढ जाती है

हाजिर जबाबी बढ जाती है


साधना विधि

ये साधना किसी रविवार से शुरू की जाती है
प्रातकाल साधक नहाधोकर पूरब मुख होकर बैठे
सामने सरस्वती माता का चित्र या तस्वीर स्थापित करे
प्राथमिक पूजन करे ( मेरी पोस्ट  प्राथमिक पूजन विधि पढे )
फिर सरस्वती माता का
सफेद पूजन सामग्री से पूजन करे
फिर पहले गुरू मंत्र का एक माला जाप करे फिर सरस्वती मंत्र का एक , दो , या पॉच माला जाप कर सकते है

साधना वाले प्रथम दिन व्रत रहे तो उत्तम है
यह साधना लगातार २१ दिन करे
माता की कृपा से आपकी बुद्ध इतनी तीव्र हो जायेगी कि आप को आश्चर्य होगा


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पारद बंधन


वनस्पति पारद बंधन बुटिका एंव अगनी स्थाई  पारा बनाये
आप को सबसे पहलै अरिठे के पत्ते, अरंडी के पत्ते दोनो पेड के पत्ते पांच लेना हे फिर खरल मे बारिक पीस कर पारा खरल करे 30मि.पारा ठोस रुप ले लेगा खरल करने के बाद पारे को खरल करते समय ही पानी से अच्छी तरह धोना हे जिससे की पारे से पत्ती के टुकडे ओर बारिक अंश निकल जाय उसके बाद एक धतूरे का फल लेकर उसे डंठल के यहा से छेद करके उसके सारे बिज एक कटोरी मे निकाल ले उसके बाद आपने जो पारद ठोस किया हे उसकी एक गोली बना ले जो धतूरे के फल के अंदर ठीक रखी जा सके उसमे रखने के बाद उपर से सारे बिज भरदे ओर कपड मिट्टी करदै फल के चारो तरफ मुलतानी मिट्टी 100ग्राम मेदस ग्राम सुहागा बारिक पिस कर डलले उससे कपड मिट्टी बहुत ही मजबुत बनती ओर कपडा जलता भी नही हे इसको अच्छी तरह धुप मे सुखा लेने के बाद आप एक छोटी मटकी ले उसमे कली वाला बारिक चुना भर दे आधी भरने के बाद इस कपड मिट्टी को बिच मे रखे उपर से फिर चुना डालदे ओर अच्छी तरह दबा दे हल्के हाथ से उपरे एक ढक्कन लगा दे मटकी के उपर फिर कपड मिट्टी करे सुखने के बाद आप इसे उपले से चारो तरफ ढक कर आग लगा दे चार घंटे आग मे रहने दे पुरी तरह ठंडा होने पर उसे खोले उसके बाद आपको अग्नि स्थाई पारे की पारद बुटिका मीलती हे एक दम ओरिजनल आप इसे गले मे धारण करे या ओर अन्य काम मे ले ।

अक्षय लक्ष्मी साधना



अक्षय लक्ष्मी साधना

आज की दुनिया मे पैसे की जरूरत सभी को है
पैसा हमेशा से ही बहुत अनिवार्य रहा है
इस पैसे के लिये मनुष्य धर्म अधर्म का विचार किये बिना कार्य करता है

वेसे तो तंत्र शास्त्र मे बहुत साधना है लेकिन ये साधना मेरी कई बार अनुभूत है मेने इसे कई लोगो से कराया है और रजिल्ट बहुत आश्चर्य चकित करने वाला रहा है
इस साधना से धन के स्त्रोत बनने लगते है रूका धन मिल जाता है या अचानक से धन की प्राप्ति हो जाती है
कार्यव्यवसाय मे सफलता प्राप्त होती है
इस साधना से धन के नये नये स्त्रोत मिल जाते है
इसका जाप जीवन भर करते रहने रहने से कभी धन के अभाव का सामना नही करना पडता

ये साधना कई तरीके से की जाती है मे सबसेे सरल
तरीका बता रहा हू

साधना विधि
यह साधना धन तेरस से ग्यारह दिन पहले से शुरू की जाती है यानि ग्यारवे दिन धन तेरस हो
इसे दिन या रात जैसे चाहो समय के अनुसार कर सकते हो रात्रि काल वेसे उचित रहता है
रात नौ बजे के बाद नहा धोकर पश्चिम मुख होकर लाल आसन पर बैठे
सामने लक्ष्मी कुबेर की मूर्ति या चित्र स्थापित करे

सामनै एक थाली मे चॉदी के दो सिक्के  रखे
एक पर लक्ष्मी दूसरे पर कुबेर का आवाहन करे और साधना के बाद उने तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दे

अक्षय धन प्राप्ति का संकल्प ले
प्राथमिक पूजन करे (  मेरी प्राथमिक पूजन विधि पढे  )

अक्षय लक्ष्मी का आवाहन करके पूजन करे पूजन सामग्री लाल हो फल फूल मिठाई सभी लाल हो

मंत्र का यथा सम्भव कमलगट्टे की माला से  जितना हो जाय जाप करे
प्रतिदिन 108 कमलगट्टो से तिल के तेल द्वारा हवन करे आहुति केवल कमल गट्टे और तिल के तेल की ही दे कुछ और न बढाये

मात्र ११ दिन मे ही चमत्कार हो जायेगा
इस साधना को यदि पति पत्नी मिल कर करे तो फल की प्राप्ति कई गुना बढ जाती है और शीघ्र होती है
वेसे जितना हो सके पत्नी को पति के साथ जाप करना चाहिये
यदि ये सम्भव न होतो कम से कम हवन मै तो साथ बैठना ही चाहिये पति कमल गट्टे डालता जाये और पत्नी तिल के तेल की  आहुति देती जाये
आप इसका जाप सवा लाख करके दशांश हवन कर सकते है
दीवाली पर इस मंत्र द्वारा कमल गट्टो का  हवन करना चहिये
साधना के बाद नित्य 108 मंत्र जाप करना चाहिये
बुधवार को 108 कमल गट्टो से हवन करते रहना चाहिये इससे बरकत बनी रहती है

इसे कभी भी किसी भी गुरूवार बुधवार से भी शुरू कर सकते है लेकिन प्रभाव थोडा कम होता है

मंत्र के लिये सम्पर्क करे

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी 9690988493
8384844021

मोहिनी योगिनी साधना


योगिनी साधना

योगिनी साधना एक अपने आप मे पूर्ण साधना है
योगिनी की साधना माता के भक्तो के लिये किसी वरदान से  कम नही है

योगिनी को माता बहन पत्नी के रूप मे सिद्द किया जाता है
स्त्री साधिका इनै माता बहन या सहेली के रूप मे सिद्ध कर सकती है
इनके सिद्ध से धन के कार्य
किसी समस्या का समाधान चुटकियो मे किया जा सकता है
स्त्रियो के लिये ये साधना अधिक उपयुक्त है

कई प्रकार की योगिनि होती है मे मोहिनी योगिनी की साधना विधि दे रहा हू

साधना विधि

एकांत कमरे मे लाल आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुह करके बैठे
ये साधना माता या शिव मंदिर मे भी हो सकती है

जिस रूप मे योगिनी की साधना करना है उस रूप का संकल्प ले ले

गुरू गणेश का पूजन करे
सभी प्राथमिक पूजन करे
फिर माता का पूजन करे
सभी से साधना मे सफलता का आशिर्वाद ले

फिर मोहिनी योगिनी का आवाहन करे
पूजन करे भोग मे दूध मिसरी दे लाल वस्त्र प्रदान करे
शीघ्र दर्शन एवम सफलता की कामना करे

फिर स्फटिक माला से मंत्र का 5000 जाप करे
जाप मे कुछ अनुभूति हो सकती है डरे नही जाप करते रहे
ये क्रिया प्रतिदिन करे

ये साधना पूर्णिमा से शुरू
करनी है पूर्णिमा को ही सम्पन्न करनी है एक माह तक जाप करना है
योगिनी की कृपा का अनुभव स्वयं हो जायेगा

इस योगिनी साधना से आप वशीकरन भी कर सकते है

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र 9690988493
8384844021

पारद का शिवलिंग बनाना


 सितम्बर के माह मे  शिवलींगी कि बेल आपको बहोत प्रमाण मे प्राप्त हो जायेंगी आप शिवलिंगी कि बेल इतनी ज्यादा लेकर आइये कि उसमे से कम से कम चार पाँच liter शिवलिंगी का रस निकल आये आप उस रस को pepsi कि खाली शीशी मे भरकर रखे दो तीन दिन मे उस रस मे मिली हुई हरी पत्ती का चूर्ण नीचे बैठ जाये तब आप ऊपर का सत्व मिला हुआ पानी निकाल कर अलग रख दें जो हल्के कथीया रंग का होंगा यही हमारे काम का है ऐसा ही सत्व युक्त शिवलिंगी का पानी आपने चार से पाँच किलो जमा करना है

‬: इतना करने के उपरांत आपने शुद्ध पारद जो अष्ट संस्कारित हो और बुभुक्षित हो उसे बालुका यंत्र मे चीनी मिट्टी का प्याला रख कर उस प्याले मे शुद्ध पारा रख कर पारे को बहोत धीमी धीमी आँच पर गरम करना है जब पारा गरम हो जाये तब उस पारे मे बहोत थोड़ा थोड़ा शिवलिंगी का सत्व युक्त जल डालते रहना है इस तरह उस पारे मे वह जल सूक्ते जायेंगा उसमे का सत्व पारे के साथ मिलते जायेंगा तो पारा मक्खन कि तरह होता जायेंगा उसमे और भी रस डालते रहे तो पारा ठोस होता जायेंगा तब आप उस शिवलिंग को जैसा चाहे आकर दे दें हो सक्ता है यह शिवलिंग भी स्वर्ण को खा कर पचा ले॥

 किसी लोहे के पात्र मे बालू(रेती) भरकर उस बालू मे चीनी मिट्टी का प्याला रख दें और उस बालू रखे हुये पात्र को चूल्हे पर रख दें और नीचे से इतनी ही आँच दें कि बालू गरम हो जाये उस गरम बालू से वह चीनी मिट्टी का प्याला गरम होँगा और पारा भी गरम होँग यही बालुका यंत्र है॥

कालज्ञान साधना

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र 


काल ज्ञान साधना 


कुछ साधको की इच्छा होती है कि वो लोगो के भूत भविष्य वर्तमान के बारे मे बता सके 
काल ज्ञान के लिये हमारे तंत्रशास्त्रो मे अनगिनत साधना दे रखी है 
जिसमे सर्वप्रथम नाम आता है कर्ण पिशाचनी का 
लेकिन ये साधना तामसिक एवं उग्र होने के कारण प्रत्येक साधक के लिये उचित नही है 
आज मै एक ऐसी साधना बता रहा हू जो किसी भी साधक के लिये उचित एवम सरल है 
येसे साधक जिने भय लगता है उनके लिये भी यै साधना उचित है क्योकि इसमे देव देवी दर्शन नही होते 
इस साधना को सिद्ध करने के बाद साधक के मन मे स्वयं प्रश्न का उत्तर आ जाता है 

किसी के भी बारे मे जाना जा सकता है वह क्या सोच रहा है वह क्या करेगा हमारे लिये सही है या गलत सब कुछ इस साधना के द्वारा आसानी से जाना जा सकता है अन्य साधनानो के द्वारा केवल भूत वर्तमान ही जान सकते है जबकि इस के द्वारा भविष्य भी जाना जा सकता है


साधना विधि 

साधक नहा धोकर लाल आसन पर उत्तर मुख होकर बैठे 
रात 8-30 बजे 
काल ज्ञान के लिये संकल्प ले 
प्राथमिक पूजन गुरू गणेश इष्ट आदि का करके दस महाविध्या का आवाहन पूजन करे 
पूजन मे धूप दीप चंदन मिठाई सेन्ट पुष्प आदि से पूजन करे 


पूजन के बाद स्फटिक या रूद्राक्ष की माला से मंत्र का 11 माला का जाप करे 
मंत्र थोडा बढा है दो से तीन घण्टे जाप मे लग सकते है 
मंत्र जप के बाद माता से गलती की छमा मॉगना चाहिये 
जप को माता को समर्पित कर दे 
घी का दीपक लगाना है जप के बाद वही सोये 
ये क्रिया प्रतिदिन 41 दिन लगातार करें 
41 दिन के बाद आपमे वो शक्ति आ जायेगी कि आप किसी भी व्यक्ति को देखते ही उसका सारा कच्चा चिट्टा खोल कर रख दोगे 
 
साधना विधान सरल है 
साधना के लिये मंत्र प्राप्ति के लिये सम्पर्क करे 

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी  9690988493
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कुंजिका स्त्रोत साधना विधि


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

नवरात्रै  माता दुर्गा जी की साधना करने के लिये उपयुक्त होते है माता की कृपा प्राप्तिमे इनका भीबहुत महत्व है

 नवरात्रो मे करने के लिये साधना दे रहा हूँ
 विधि वत साधना करे इस साधना को करने से आप लोगो के कष्ट दूर कर सकते है माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है किसी भूत प्रेत पीडित का इलाज कर सकते है कि सी भी प्रकार का दर्द दूर कर सकते है

करने को तो षट् कर्म भी कर सकते है लेकिन लोक हित मे  उनकी विधि  बताना उचित नही है

नार्मल वशीकरण मे कुछ खाने पीने की वस्तु को अभिमंत्रित करके खिलवा दे

और इससे बहुत चमत्कारी कार्य किये जा ते है

विधि           -------           सिध्द कुंजिका स्त्रोत साधना म




आप सुबह नहा धोकर स्वछ वस्त्र पहने पूरब की ओर मुह करके बैठे
सामने माता जी की फोटो या मूर्ति रखे  

सिध्दि प्राप्त करने के लिये संकल्प करे
 संकल्प मे स्पष्ट रूप से अपनी इच्छा  रखे
धन , मान. ,यश ,वशीकरण मोहन जो आप चाहे

 साधना नियत समय नियत स्थान पर करे
आप ये प्रयोग रात को भी कर सकते है

प्राथमिक पूजन करे जैसे गुरू पूजन ,गणेश ,इष्ट पूजन ,कुलदेव   पूजन ,    पितर पूजन ,   स्थान देव पूजन ,लोकपाल दिक्पाल पूजन , व ग्रह पूजन   आदि  सभी का पंचोपचार पूजन करे

उसके बाद माता का पूजन करे
कृपा प्राप्ति की प्रार्थना करे

  फिर एक माला गुरू मंत्र का जप करे  उसके बाद श्री सिध्द कुंजिका स्त्रोत का  108 पाठ एक आसन से दे

पूरे नौ दिन पाठ करे  अंतिम दिन यथा शक्ति हवन करे
एक पाठ या जो बन. सके

जो माता के भक्त है उनको  माता की कृपा से जल्दी लाभ  मिलता है

आप इसका प्रयोग धन प्राप्ति के लिये भी कर सकते है  जो इच्छा हो वो संकल्प ले
नौकरी व्यवसाय इंटरव्यू मे सफलता के लिये भी ये प्रयोग कर सकते है माता जी की
कृपा से सब कार्य सिद्ध होगे

सिध्द कुंजिका स्त्रोत से आप बहुत कुछ कर सकते हो



 सिध्द कुंजिका स्त्रोत आप नेट से डाउन लोड कर सकते है
  या दुर्गा सप्तशती से लेकर पाठ कर सकते हो



हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित में जारी 9690988493

खवीश साधना


सट्टे के लिये खवीश साधना

इनका परिचय खवीश परिचय मे पढै

साधना विधि
 सबसे पहले सामने दीवार पर दीवाल घडी का चित्र बनाये जिसे रोज बनाये रोज  सुबह मिटा दे


शनिवार रात 9 बजे नहाकर स्वछ वस्त्र पहनें
पश्चिम मुख होकर आसन पर बैठे
अगर बत्ती जलाये दीपक जलाये गुरू, गणेश , इष्ट ,स्थान देव का पूजन करे पंचोपचार

फिर खवीश का आवाहन करेे  अगर बत्ती जलाये आटे का दीपक जिसमे तीन चार तरह के तेल (तिल ,चमेली ,सरसो ,) मिला कर
सेन्ट भी मिला दे फिर उसे जलाये ( दीपक मे बाती खडी करके जलाये )
सामने मिटटी के सकोरे मे कपूर जलाकर  शराब की धार दे दो ढक्कन
मिठाई का भोग लगाये पानी दे
फिर उस आटे के दीपक को सर के ऊपर रखे और एक माला  ( हकीक की )  का जाप करें  

दूसरे दिन से एक माला प्रतिदिन बढाते जाये

यानि पहले दिन एक दूसरे दिन दो तीसरे दिन तीन सातवे दिन सात इस तरह करे

  8. दिन करे

कोई दिक्कत हो तो मुझे कॉल करके बताये
साधना के अनुभव केवल मुझे बताये
साधना पूर्ण रूप से गुप्त रखें
प्रत्यक्ष होने पर वचन सावधानी से ले

दीपक को प्रतिदिन बहते पानी मे बहा दे
बची सामग्री भी


सामग्री
तीन चार तरह के तेल
सेन्ट
मिठाई
शराब  देशी
अगर बत्ती
दीपक
जल
कपूर


मंत्र अलग से दूगा पहले विधि देख लो कर सको तो बताओ

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी

श्री गणेश साधना




श्री गणेश साधना

भगवान गणेश सिद्धयो के स्वामी है वे विघ्न हरण है और विघ्न करता भी
प्रत्येकसाधक को साधनाओ के क्षेत्र मे प्रारम्भिक साधना के रूप मे
श्री गणेश साधना करनी चाहिये
उसके बाद किसी और साधना को करना चाहिये
क्योकि फिर जीवन मे कोई विघ्न नही आते

गणेश साधना के कई प्रकार है जैसे सिद्धि गणेश साधना
   रिद्धि गणेश साधना    लक्ष्मी गणेश साधना आदि
गणेश साधना से ही सारे कार्य हो जाते है
मे एक साधना दे रहा हू

इसके प्रभाव से रूके हुये कार्य बनने लगते है
धन के नये रास्ते खुल जाते है
कोई विघ्न हो तो वो हट जाता है
चारो ओर मंगल ही मंगल होता है

इस साधना से घोर दारिद्रय का नाश होता है धन की प्राप्ति होती है


साधना विधि

गणेश जी की साधना कृष्ण पक्ष की चतुर्थी से शुरू होती है
 ओर कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तक एक माह तक लगातार करनी होती है
जिस रात चतुर्थी हो उस रात नहा धोकर रात दस बजे साधना शुरू करे
उत्तर मुख होकर बैठे
माला स्फटिक या चंदन की ले

सबसे पहले अपने सामने लक्ष्मी गणेश की पीतल  की मूर्ति स्थापित करे
 प्रारम्भिक पूजन करे संकल्प ले  गुरू इष्ट पूजन करे
फिर लक्ष्मी गणेश का आवाहन करे
पंचोपचार पूजन करे
केवल गणेश जी को दूर्वा चढाये लक्ष्मी को भूलकर भी न चढाये
थोडी जावित्री केसर चंदन सेन्ट पुष्प आदि से  पूजन करे

फिर मंत्र का 5000 जाप प्रतिदिन करे
जाप के बाद वही कमरे मे सोये
एक माह मे ही तुम्हारी इच्छा पूरी हो जायेगी

कोई जिज्ञासा हो तो मुझे सम्पर्क करके पूछ सकते है
मंत्र एवम अन्य जानकारी के लिये सम्पर्क करे

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी 9690988493
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गुरू पूजन विधि





गुरू पूजन देव पूजन से  भी उत्तम है जो शिष्य नित्य गुरू पूजन करते है
उनकी सभी साधना निर्विध्न पूर्ण होती है और पूरी सफलता प्राप्त होती है
देव कृपा से अधिक गुरू कृपा की महत्ता है  इसलिये हमे गुरू पूजन अनिवार्य
रूप से नित्य करना चाहिये


जिन साधको ने गुरू से दीक्षा ली है वो गुरू द्वारा दिये गये गुरू मंत्र से पूजन करे

जिनके पास गुरू मंत्र नही है वो मेरे दिये इस मंत्र द्वारा पूजन करे


ओम ह्रीम गुरो प्रसीद प्रसीद नमस्तुभ्यम्

गुरू की तस्वीर सामने स्थापित करे

गुरू पूजन का संकल्प ले
गुरूजी का आवाहन करे

पूजन के लिये आप घी का दीपक लगाये   ,अगर बत्ती जलाये  , सेन्ट  ,चन्दन , पुष्प ,चावल ,वस्त्र ,फल ,  मिठाई , जल  आदि से पूजन करे गुरू स्त्रोतो का पाठ करे  यथा शक्ति गुरू मंत्र  का पाठ करे

 गुरूजी से कृपा प्राप्ति का आर्शिवाद ले
पूजन का विसर्जन  करे

गुुरू स्त्रोत    ------
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु
गुरूदेवो महेश्वर
 गुरू साक्षात परम ब्रह्म
तस्मै श्री गुरवै नमः

ध्यानम् मूलं गुरू मूर्ति
पूजा मूलं गुरो पदमं
मंत्र मूलं गुरू वाक्यम्
मोक्ष मूलं गुरू कृपा

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव
त्वमेव विधा द्रवणम् त्वमेव
त्वमेव सर्वम्  मम् देव देव  

गुरू गंगा गुरू गोमती
गुरू देवां रा देव
गुरू सू चेला आगला
करे गुरॉ री सेव

गुरू गोविन्द दोऊ खडे
काकै लागूं पाय
बलिहारी गुरू आपने
गोविन्द दियो बताय

 सब धरती कागज करूं
 लेखनि सब वनराय
सात समुद्र की मसि करूं
गुरू गुन लिखा न जाय

मात पिता तो फेर मिले
लख चौरासी माय
गुरू सेवा चरण बन्दगी
फेर मिलन की नाय

गुरू बिन भव निधि तरय न कोई
जो विरंचि शंकर सम होई

यह तन विष की बेलरी
गुरू अमृत की खान
 शीश दिये जो गुरू मिलैं तौ भी सस्ता जान

श्री गुरू चरन है चन्द्रमा  सेवक
 नयन चकोर
अष्ट प्रहर निरखत रहूं
श्री गुरू चरनो की ओर



हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी 9690988493

वशीकरण साधना


वशीकरण की तंत्र मे सबसे अधिक मॉग है लोग इसके लिये जाने कितना कष्ट उठाते है सबसे ज्यादा तॉत्रिक लोग वशीकरण के नाम से लोगो से सबसे ज्याद धन लूटते है
मेआज एक प्रयोग दे रहा हू आप इसे करके लाभ उठा सकते है
मंत्र मुझसे सम्पर्क करने पर दूगा
नेट पर पूरी क्रिया मंत्र सहित नही दे सकता ये मंत्र गोपनीय होते है विधि दे रहा हू

विधि

आसन लाल रंग का , कपडे पहनने के सफेद रंग के ,अपना मुह पूरब दिशा की ओर करके बैठे
,सामने फोटो रखे  ,तुम दोनो की एक साथ वाली हो तो ज्यादा बेहतर है ,फोटो कलर हो
 ,रात नौ बजे के बाद  करना है

,पहले गुरू , गणेश पूजन कर लेना  फिर माता सरस्वती का कर लेना   पूजन मे अगर बत्ती ,घी का दीपक , चन्दन ,मिठाई का भोग , पानी देना है  , सेेन्ट देना है ,

दो माला का जाप करना है

 ध्यान सामने फोटो पर रखना है   प्रतिदिन करना है ,ब्रह्मचर्य रखना है जमीन या तख्त पर सोना है पूजा रात को एकांत कमरे मे करना

दिन रविवार ,शुक्रवार ,

 सुबह ६बजे से जाप शुरू करना या रात 9 बजे के बाद

 ११ से २१ दिन के अन्दर वो वश मे हो जायेगी    तुम्हारी हर बात मानेगी पर येसा कोई काम जो उसकी आत्मा को  पसंद न हो नहीं मानेगी
माला स्फटिक की ले लेना  


प्रयोग पूर्ण रूप से गुप्त रखना किसी को कुछ भी नही बताना


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित में जारी

चंडाल साधना




ये साधना बहुत ही सरल  है येसे साधक जिने साधना मे भय लगता है उनके लिये ये साधना उपयुक्त है
धन आज के जीवन की प्रथम आवश्यकता है जिसे इस साधना द्वारा प्राप्त किया जा सकता है

इसमे चंडाल स्वप्न मे आता है और प्रश्नो के उत्तर देता है
वेसे ये साधना से आप लोग सट्टे के नम्बर सटीक प्राप्त कर सकते है
साधना विधान सरल है
कोई डर भय नही है
ये केवल सात दिन की साधना है


विधि

इसमे साधक शनिवार रात दस बजे के बाद नहा कर पश्चिम मुख होकर काले आसन पर बैठे

सामने घी का दीपक जलाकर अगर बत्ती जलाये
प्राथमिक पूजन करके
चंडाल का आवाहन कर
धूप दीप मिठाई सेन्ट आदि से  पूजन करे

नारियल को लाल कपडे मे बॉधकर पूजा करे
मंत्र का मात्र दो माला जाप करे
जप के बाद गलती की छमा मॉगे
वही सो जाये
ये नित्य सात दिन करे सात दिन बाद चंडाल स्वप्न मे आकर सट्टे के नम्बर देना शुरू कर देगा

पहले दो दिन उने आजमाये सही निकलने पर स्वयं लगाये या किसी गरीब को बता कर भला करे

मंत्र के लिये सम्पर्क करें


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र 9690988493
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चिराग के जिन्न की साधना


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

चिराग के जिन्न की साधना


हमने अलादीन के जादुई चिराग के बारे मे बहुत सुना और पढा भी होगा
मूवी मे देखा भी होगा

ये सब देख  कर मन होता है कि ये चिराग मिल जाये तो मजा आ जाये लेकिन ये सिर्फ कहानी है कहकर मन मसोस कर रह जाते है येसा सिर्फ कहानियो मे होता है कि जो इच्छा हुयी वो तुरन्त पूरी हो जाये

जी नही
अगर मे ये कहू कि ये चिराग सच मे होते है और आप इसे साधना से पा सकते है तो आप लोग चौंक जायेगे कि ये सच नही है

लेकिन यकीन मानिये ये १०० फीसदी सच है
 
साधना द्वारा जिन्न को चिराग मे सिद्ध किया जाता है
और जब आवश्कता के समय चिराग को रगडने पर वो जिन्न हाजिर हो कर तुम्हारी इच्छा पूरी करता है

ये विधान पूर्ण रूप से गुप्त रहते आये है और गुरू शिष्य की प्रणाली मे दिये जाते है इस संकल्प के साथ कि इसका गलत उपयोग नही होगा और केवल योग्य शिष्य को ही ये साधना बतायी जाये


इस साधना से जिन्न बहुत क्रोध मे आकर हाजिर होता है
और बहुत ज्यादा साधना के समय भय दिखाता है
क्योकि इस साधना मे जिन्न को जबरदस्ती बुलाकर काम करवाया जाता है
साधना से लाभ

ये जिन्न कोई भी वस्तु मंगा सकते है किसी के बारे मे पता लगाकर बता देते है
रक्षा करते है
और बहुत धन लाभ कराते है
और बहुत सारे चमत्कार साधक जिन्न की शक्ति से दिखा सकता है



साधना विधान

ये साधना शुक्रवार रात 11 बजे से की जाती है
साधक सफेद कपडे पहन सफेद मुसलमानी टोपी लगा हरे कपडे पर पैरो को  मोडकर बैठे मुख पश्चिम की ओर रखे
अपने चारो ओर सुरक्षा घेरा बना ले
सामने चमेली के तेल से  एक पीतल के चिराग को जला कर रखे

पॉच अगरबत्ती लगाये गुरू पूजन करे
फिर जिन्नो के बादशाह की पूजा करे
उसके बाद चिराग के जिन्न को बुलाये फिर उसकी पूजा करे
 सेन्ट का फाया , पचमेल मिठाई , पॉच गुलाब के फूल , लोभान की धूप , पॉच अगर बत्ती से पूजा करे

फिर मंत्र का दो माला का जाप करे मंत्र लम्बा है
एक सवा घण्टे मे हो जाती है दो माला

माला तशबी या काले हकीक की होनी जरूरी है
ये प्रयोग सात दिन करे सातवे दिन जब जिन्न प्रकट होगा तो डरायेगा डरना मत उससे चिराग मे रहने और अपना काम करने का वचन लेले

साधना के लिये एकांत कमरा आवश्यक है
ब्रह्मचर्य से रहना है और बाकी के सभी मुस्लिम साधनाओ के नियम करने होगे
माला बाये हाथ से उल्टी घुमानी है
साधना से पहले वजू करना है
़मुस्लिम पाक होने के मंत्र से पाक होना है
इसमे वेसे कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता नही है
लेकिन ये जिन्न के उग्र रूप की साधना है
़ये साधना उग्र साधनाओ मे आती है  थोडी चूक खतरनाक हो सकती है

ये साधना अनोखी है और इसके विधान केवल चुनिंदा लोगो के पास है

अपने गुरू महाराज जी की कृपा से मे उन भाग्यशाली लोगो मे से एक हू

गुरूदेव की बहुत कृपा है कि इस साधना का विधान मंत्र मेरे पास है
काफी बडा मंत्र है

जिस किसी को ये साधना करनी हो वो सम्पर्क कर सकता है

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जनहित मे जारी
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पितरो की कृपा प्राप्ति का अचूक उपाय


हरेश तंत्र शक्ति साधना  केन्द्र

पितरो को प्रसन्न करने का पितर पक्ष से उत्तम कोई समय नही है

मे पितरो को प्रसन्न करने के लिये दो प्रयोग करता और करवाता रहा हू


किसी अन्य उपाय की अपेक्षा ये उपाय तीव्र काम करता है इसमे कोई पूजा पाठ का झंझट नही है ये सीधा पितरो से सम्बन्धित है

धन हानि , बनते बनते काम बिगडजाना , पारिवारिक कलह , मन अशान्त रहना , धन का अत्यधिक व्यय होना  , संतान बाधा आदि मे  मेने इन प्रयोगो का सफल प्रयोग किया है
आप भी ये प्रयोग करे और लाभ उठाये
बहुतो को लाभ मिला है तुमे भी मिलेगा तुम करकै देखो तो सही
विश्वास से तो भगवान भी मिल जाते है


ये प्रयोग पूरे पितर पक्ष किया जाता है
सुबह चार बजै जागकर मुख्य द्वार के बाहर थोडी सी जमीन पर झाडू लगाये
और फिर वहॉ पानी से छिडकाव करे

घर की स्त्री मुख्य द्वार पर एक लोटा पानी का अर्घ्य दे

(  इतनी क्रिया आप प्रतिदिन जीवन भर कर सकते है केवल इसी से पितर कृपा मिलने लग जाती है )
फिर नहा धोकर खीर पूडी  बनाये
बन जाने के बाद पुरूष एक दोने मे खीर पत्तल मे पूडी  सब्जी रखे  पानी गिलास मे लेकर छत पर जाये
दक्षिण दिशा की ओर मुह करके बैठे
सामने आसन लगा दे उसके सामने पत्तल रखे
फिर हाथ मे चावल के दाने लेकर पितरो का आवाहन करे
फिर उने आसन पर बैठने के ल्ये कहकर चावल आसन पर डाल दे

फिर उने खीर पूडी सब्जी का भोजन कराये
दस बारह मिनट वहॉ बैठे रहे और मानसिक प्रार्थना करे
फिर पितरो को प्रणाम करके उनसे मानसिक आशिर्वाद ले

कुछ पूडी कौआ गाय कुत्तो को खिलाकर
 स्वय भोजन करे और दैनिक कार्य करे
इतनी सी क्रिया आप प्रतिदिन पन्द्रह दिनो तक करते रहे

इन पन्द्रह दिनो मे ही आपके घर मे बदलाव हो जायेगा

पितर प्रसन्न होगे
ये क्रिया आप अमावस्या को भी दोहरा सकते है किसी खास शुभ दिन मे भी ये कर सकते है
आपको इससे लाभ मिलेगा बिगडे काम बनेगे
घर मे रौनक आयेगी मन शान्त होगा

कोई दिक्कत हो तो मुझे निसंकोच कॉल करके पूछ सकते हो

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी  9690988493
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अप्सरा साधना की विधि

                                                                 अप्सरा साधना की  विधि


उत्तर दिशा की ओर मुह करके बैठे
शुक्रवार रात नो बजे नहा धोकर  आसन पर बैठे सामने जमीन पर ही

सफेद  वस्त्र पर  पीले चावल से यंत्र  बनाये

यंत्र का पूजन करे
पहले गुरू ,गणेश  , इष्ट देव  ,कुल देव , पित्र देव   ,
स्थान देव ,लोकपाल ,दिक्पाल  ,  देवराज इद्र देव का  पूजन करे

सभी से मानसिक आर्शिवाद और साधना की आज्ञा लें

फिर उर्वशी अप्सरा का आवाहन करे  ( उसे बुलाये )  आसन दे ,  चावल.  , धूप, दीप , चंदन  , सेन्ट ,मिठाई ,एवं जल से पूजन करे
सफलता केलिये  उससे प्रार्थना करे    प्रेमिका के रूप मे पूजन करे

फिर गुरू गणेश को याद करके मंत्र का २१ माला जाप करे
जप के बाद वही कमरे मे सो जाये

जब तक अप्सरा प्रतक्ष्य  ना हो जाये तब तक साधना करते  रहे

प्रतक्ष्य होने पर वचन लेले कि जब बुलाऊ आकर मेरा काम कर देना



हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित में जारी 9690988493

सुगन्धा अप्सरा साधना

सुगन्धा  अप्सरा साधना

ग्रहण काल साधना करने के लिये सर्वश्रेष्ठ  होता है
ग्रहण मे किये गये जाप पाठ हवन आदि का कई गुना फल मिलता है


 मे इस चन्द्रग्रहण मे सुगन्धा  अप्सरा साधना करवा रहा हू
जो साधक साधना करना चाहे वो विधि विधान लेने के लिये सम्पर्क करे

साधना ११ दिन करनी है
जो साधक कर सके वो ही सम्पर्क करे

साधना के लिये  एकांत  कमरा होना परमावश्यक है




हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी Mob No. 9690988493 / 8384844021

विजय प्राप्ति के लिये मातंगी साधना

                                                    विजय प्राप्ति के लिये मातंगी देवी साधना


इस साधना को किसी भी  कार्य की सफलता के  लिये कर सकते है
नौकरी ,परीक्षा ,इंटरव्यू ,आदि के लिये ये मंत्र बहुत जल्दी तीव्र परिणाम देता है

इसे किसी अष्टमी या किसी शुक्रवार से सुरू करे उत्तर दिसा की तरफ मुह करकै बैठे
सामने मातंगी माता का फोटो रख लिया जाये तो बहुत अच्छा है

सबसे पहले संकल्प ले कि मे अमुक कार्य मे सफलता के लिये ये साधना कर रहा हू

इसके लिये
सफेद पूजन सामग्री हो
आसन कपडे वगेरह

सबसे पहले गुरू  , गणेश ,  इष्ट ,   कुल देव , स्थान देव का पंचोपचार पूजन करे

फिर माता का आवाहन करके पचोपचार पूजन करे
मंत्र का 6000/ प्रति दिन जाप करे रात दस बजे के बाद
माला स्फटिक की चंदन की मिल जाये तो ठीक नही तो रूद्राक्ष से कर लेना
२१ दिन करना है

दशांशहवन प्रतिदिन कर सको तो ठीक है नही तो २२ वे दिन पूरा दशांश हवन एक बार मे कर लेना
फिर हवन का दशांश तर्पण

फिर तर्पण का दशांश अर्पण
अर्पण का दशांश मार्जन करे
और एक ब्राह्मण को भोजन करा कर साधना का समापन करे

जहॉ भी जरूरत हो माता के सिद्ध मंत्र का जप करे और चमत्कार देखे

मंत्र है

ॐ ह्रीम क्लीम हूम मातंग्यै फट् स्वाहा


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धन प्राप्ति के लिये अचूक श्री कुबेर साधना

                                                    धन प्राप्ति के लिये अचूक श्री कुबेर साधना


ये साधना धन के देवता श्री कुबेर महाराज की है
इसमे साथ साथ ही माता लक्ष्मी जी की भी साधना हो जाती है

किसी भी गुरूवार को
सुबह ब्रह्म मुहर्त मे जाग कर नहा धोकर सफेद कपडे पहन एकांत कमरे मे उत्तर दिशा की ओर मुह करके  लाल या सफेद  आसन पर बैठे

सामने श्री कुबेर महाराज की मूर्ति स्थापित करे लाल कपडे पर

घी का दीपक जलाये

संकल्प करे
फिर गुरू , गणेश , इष्ट ,
कुल दैव का पूजन करे

माता लक्ष्मी का आवाहन करे पूजन करे

फिर श्री कुबेर महाराज का
आवाहन करे
पूजन करे

सभी का पूजन धूप दीप पुष्प रोली चंदन मिठाई सेन्ट  जल आदि से करना है

सबसे धन प्रदान करने की कहना है

फिर पॉच पाठ कनकधारा स्त्रोत के करने है
उसके बाद मे श्री कुबेर मंत्र का ११ माला का जाप करना है
जप के बाद जाप कुबेर जी को समर्पित करना है

और सभी से छमा मॉगनी है
और वहॉ से उठ जाना है

जप काल मे धूप दीप जलती रहनी चाहिये

माला स्फटिक की या चंदन की हो

साधना २१ दिन करनी है रोज ११ माला जाप करना है
इसे 40 दिन तक लगातार कर सकते है

सामग्री

अगरबत्ती या धूपबत्ती
घी 400ग्राम
लाल आसन
सफेद कपडे
चंदन
रोली
मिठाई
सेन्ट
पुष्प
स्फटिक माला
मूर्ति कुबेर जी की
कनकधारा स्त्रोत
लाल कपडा मूर्ति रखने के लिये

 साधना को गुप्त रखें

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प्रेत साधना

                                                                            प्रेत साधना


प्रेत वेसे हठी होते है जल्दी वश मे नही होते लेकिन प्रेम से पूजन करने पर मित्र बना लेता है तो जमकर साथ निभाता है

प्रेत बहुत अच्छे सहायक सिद्ध होते है प्रेत साधना से साधक बहुत धन मान सम्मान प्राप्त करता है

प्रेत साधना किसी बबूल के नीचे ,सूने स्थान ,खंडहरो ,शीशम के पेड के नीचे ,सूखे कुओ ,तालाब के किनारे  ,रास्ते के किनारे के पीपल के पेड के नीचे की जाती है

तुमको जो स्थांन  उचित लगे वहॉ ये साधना कर सकते हो

शनिवार या अमावस्या की रात से शुरू करे
जब तुम्हारा सूर्य स्वर चले तब शुरू करे
रात ११ बजे के बाद

मित्र के रूप मे साधना करे

सबसे पहले कंबल का काले रंग का आसन ले उस पर दक्षिण मुख होकर बैठे
सामने सरसो के तेल का दीपक जलाये
अगर बत्ती जलाये

अपने कवच से अपने चारो तरफ गोल घेरा खीचें

गुरू गणेश इष्ट पूजन करे
पूजन धुप दीप फूल मिठाई जल  से करे

फिर प्रेतराज का पूजन करें
प्रार्थना करे सफलता के लिये
उसके बाद प्रेत का आवाहन करे
पूजन करे धूप दीप पुष्प सेन्ट चंदन मिठाई जल  दालभात और शराब से
दालभात किसी पत्तल मे रखे
कुल्लहड मे शराब दे
पानी दे

उसके बाद काले  हकीक माला से मंत्र का 25  माला का जाप करे

चालीस दिन करे
प्रेत के प्रकट होने पर वचन लेले

साधना मे कुछ डरावने अनुभव हो तो डरे नही ये सिर्फ दिखावा होते है कोई नुकसान नही होता

साधक चाहे कुछ भी हो जाये आसन से खडा नही हो जब तक जाप पूरा नही हो जाये
कोई दिक्कत हो तो सम्पर्क करे
मंत्र के लिये सम्पर्क करें

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हाजरात प्रयोग की विधि

हाजरात प्रयोग की विधि


इस महीने की २५ तारीख रविवार रात ११ बजे से नक्षत्रो का राजा पुष्प नक्षत्र शुरू होगा
सोमवार रात १० बजे तक रहेगा
इसमे आप कोई जडी बूटी यंत्र वगैरह सिध्द कर सकते है



मे हाजरात प्रयोग की विधि दे रहा हूँ आप लोग इसे अवश्य आजमाना

शनिवार की शाम को  हल्दी चावल लेकर औगां जिसे लटजीरा  ,चिरचिटा , अपामार्ग कहते है उसे चूल समेत अपने यहॉ चलने का न्योता देना है

दूसरे दिन यानि रविवार सुबह सुबह जाकर उसे एक झटके से उखाड कर अपने साथ ले आना है
घर लाकर धूप दीप दे और उसे किसी सुरक्षित स्थान पर रख दे
हाजरात प्रयोग के समय एक छोटी
लकडी या जड तोडकर  रूई मे लपेटकर बाती बनाकर तेल या घी के दीपक मे रखकर जला दे

दीपक के सामने किसी छोटे बच्चे को बिठा दे
और उसे ध्यान से दीपक की लौ मे देखने को कहे
उसे उसमे काला सा धागा दिखाई देगा
फिर बच्चे को बोले की वो पीर साहब हाजिर हो  -२.  ऐसा बार बार बोले
तो उसे उस लौ मे पीर साहब दिखाई देने लग जायेगे  जब उसे स्पष्ट दिखाई देने लग जाये
तो उनसे अभिवादन कराये
फिर उनसे कुछ भी प्रश्न करे वो उस बच्चे को बताते रहेगे  आप उनसे कैसा सवाल कर सकते है
अपनी परेशानी ,बीमारी ,चोरी के बारे मे , या आप उनसे सट्टे का नंबर भी ले सकते है

काम के बाद  पीर साहब को विदा करके दीपक बुझा दे

आप इस प्रयोग को आजमाये और मुझे अपने अनुभव बताये



तंत्र मंत्रो से जुडी ऐसी ही चमत्कारी प्रयोग एवं जानकारी के लिये जुडे रहे


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शारीरिक बीमारी को तुरन्त खत्म करे

साई बाबा की साधना


ये साधना से आप किसी भी बीमारी परेशानी जो शारीरिक है उसे तुरन्त खत्म कर सकतै है दर्द तो तुरन्त बन्द हो जाता है

और बहुत से चमत्कार बाबा की कृपा और शक्ति से दिखा सकते है
साधना के बाद मंत्र का नियमित १ ,5 ,11   माला  जितना बन जाये जप करते रहे


इस साधना  मे आपको सात्विक रहना होगा
किसी भी शुक्रवार से इसे रात मे 10 बजे के बाद शुरू करे
सफैद कपडे पहन कर सफेद आसन पर पूरब मुख बैठ कर

सबसे पहले गुरू गणेश इष्ट  का पचोपचार पूजन करे
फिर साई बाबा का आवाहन करे   पचोपचार पूजन करे चिलम पीने को दे
दीपक शुद्ध घी का लगाये

गुरू मंत्र की एक माला का जप करे
फिर साई मंत्र का 6000/ प्रतिदिन 21 दिन तक जाप करे
साधना के बीच मे अनुभूति होगी उसे किसी को नही बताये

प्रतिदिन बच्चो को कुछ प्रसाद बॉट दिया करे

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सरदर्द का रामबाण इलाज

सरदर्द का रामबाण इलाज

ओंगा जिसे लटजीरा , चिरचिटा भीं बोलते है उसकी दो पेड की जड उखाड कर लाना और अच्छी तरह से धोकर बारीक चाकू से काट कर बारीक कूट लेना फिर गुड मिला लेना थोडा सा

सरदर्द का रामबाण इलाज

ओंगा जिसे लटजीरा , चिरचिटा भीं बोलते है उसकी दो पेड की जड उखाड कर लाना और अच्छी तरह से धोकर बारीक चाकू से काट कर बारीक कूट लेना फिर गुड मिला लेना थोडा सा

दो गोली ब ना लेना

एक गोली सुबह खाली पेट पानी से खिला देना  दूसरी गोली दूसरे दिन खिला देना कैसा भी सरदर्द होगा ठीक हो जायेगा १००%


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दो गोली ब ना लेना

एक गोली सुबह खाली पेट पानी से खिला देना  दूसरी गोली दूसरे दिन खिला देना कैसा भी सरदर्द होगा ठीक हो जायेगा १००%


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तीव्र प्रयोग से छोटी मोटी शक्ति को नष्ट करे

तीव्र प्रयोग से छोटी मोटी शक्ति को नष्ट करे

प्रिय साधक मे आज आपको एक छोटा सा लेकिन तीव्र काम करने वाला प्रयोग बता रहा हूँ

यह प्रयोग घर मे आई छोटी मोटी शक्ति को नष्ट कर देगा

पितरो को शक्ति देगा

जिनके पितर रूठे है वे भी इसे कर सकते है

इस प्रयोग को गुप्त रखना है

वैसे तो यह एक बार ही किया जाता है लेकिन आप उसे सात मंगल वार तक कर सकते है

यह केवल मंगल को ही करना है
इससे पितर दोष मे काफी आराम मिलता है

मंगल वार को शाम को जब रात का  कुछ कुछ अंधेरा फैल रहा हो तो एक बूंदी का लडडू ले और उसे घर के बाहर (मैन गेट )देहरी के पास बैठकर घर मे आई किसी बाहरी शक्ति या उपरी हवा के नाम से रख दे
एक अगर बत्ती लगा दे और बोले कि हे देव मे आपको भोग दे रहा हूँ इसे स्वीकार करे और इसे लेकर यहॉ से हमेशा के लिये चले जाय

ध्यान दे कि अगर बत्ती एक ही लगाये

फिर देहरी के अंदर बैठ जाये वहॉ भी एक बूंदी का लडडू रखें और दो अगर बत्ती लगाये

 अपने घर के सभी पितर , देवी  देवता के नाम ले और बोले  कि हे देव मे आपको भोग दे रहा हूँ आप इसे स्वीकार करे
 मे रे ऊपर कृपा करे

घर मे आई हुयी इसे या  किसी भी बाहर की शक्ति को अंदर मत आने देना
प्रणाम करे और वहॉ से उठ जाये

कुछ समझ मे ना आये तो कॉल कर के पूछ लेना

इस प्रयोग को साधारण मत समझना ये बहुत चमत्कारी है


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किया कराया दूर करे पाठ २


किया कराया दूर करे पाठ २

 व्यवसाय बाधा ,एवम् गृह क्लेश से बचने हेतु  सवा किलो काले उडद ,सवा किलो
कोयला को सवा मीटर काले कपडे मे बाँधकर अपने ऊपर से २१ बार उसार कर शनिवार के दिन  बहते पानी में विर्सजित   करें सात शनिवार तक !


शुक्ल पछ के बुध वार को चार गोमती चक्र अपने सिर से उसार कर चारों दिशाओ मे फेंक दें ! तांत्रिक कर्म समाप्त होगा  !


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भूत प्रेत का उतार

भूत प्रेत का उतार

प्रिय साधको

आज मे आपको एक छोटा साधारण परन्तु अचूक एवं प्रभावी उपाय बता रहा हू

इस प्रयोग से मेने बहुत लोगो का भला किया है

इससे किसी के ऊपर आयी हुयी बला भूत प्रेत हवा नजर गुजर एवं शक्तियो द्वारा होने वाला सरदर्द सीने मे जलन या दर्द ,पैरो मे दर्द या भडकन
पेट मे गोले जैसे घूमने आदि का सफलता पूर्वक इलाज किया जाता है


इसे किसी भी शनिवार को किया जा सकता है

अपने इष्ट या काल भैरव जी  के नाम से ये सब कर सकते है

सामग्री

दो नीबूं ,  बूदी का लडडू  ,
लौग का जोडा बतासा  ,
मिटटी की सरइया ,
थोडा सिन्दूर
थोडा काजल
थोडा कच्चा दूध
एक भैरव ( काला वाला ) जायफल
चाकू

सबसे पहले सरइया ले उसमे बाहर भीतर चार चार स्वास्तिक सिन्दूर से बना ले

अन्दर की तरफ काजल से बिन्दी बना दे
उसमे नीबू को चार टुकडो मे काटकर रख दे
फिर लोग बतासा बूदी का लडडू जायफल रखे
थोडा कच्चा दूध डाल दे

रोगी के ऊपर से २१ बार उसार कर किसी चौराहे पर  रख कर दूसरे नीबू की तीन फॉक करके तीनो दिशाओ मे फेके ( सामने बाये दाये )
चाकू से सरइया के चारो ओर गोल रेखा खीचे
और उसकी तरफ थूक कर वापस आ जाये
किसी भी हाल मे पीछे मुडकर नही देखे


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प्रेत बाधा

प्रेत बाधा

प्रेत बाधा मै मरीज के ऊपर से दो लोंग और कपूर की टिक्की  21बार उसार कर जला दें इससे मरीज को थोडा आराम मिल जाता है  ,लोंग कपूर अपने इष्ट के नाम से जलाये

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खवीश परिचय

खवीश परिचय

ये भूत प्रेतो जिन्नो आदि से अधिक शक्तिशाली होते है

खवीश बहुत मायावी योनि है
ये साधक के सभी तरह के काम कर देते है वो भी पलक झपकने से पहले
ये तामसिक होते है
उग्र होते है
कैसे भी गन्दे स्थान पर बुलाओ तुरंत आकर काम कर देते है ये सोवर सूतक मरण सूतकमे भी काम करते है
सट्टे के नम्बर सटीक देते है
कालज्ञान बताते है
वस्तु लाकर दे देते है
और बहुत सारे कामो को चुटकी मे पूरा कर देते है

होते हठी है किसी काम को भेजो तो काम करके  आते है

साधना के बाद इनका जो भोग है वो इने दिया जाता है
ये स्वयं अपनी कार्य विधि व्यक्त करता है
साधना के समय ये कुछ भय पैदा करता है
जैसे भयंकर आवाज आना या कुछ दिखाई देना
लेकिन ये सिर्फ दिखावा होता है
साधको को नुकसान नही पहुचाता
यह सिद्धि के बाद अलग अलग तरह से अपनी पूजा करवा कर अपनी शक्ति बढाता है
इसके साधक बहुत शक्तिशाली और मायावी हो जाते है
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ध्यान की विधि

                                                                        ध्यान की विधि


आपने बहुत सी ध्यान की विधि पढी होगीं
ये विधि अनूठी सरल और मात्र तीन दिन मे अनुभूति प्रदान कर देती है
तो जो साधक ध्यान करना चाहते है वो ये करे

गौतम बुध्द की तरह ध्यान अवस्था मे बैठो
यानि हाथ गोदी मे रखो
कमर सीधी आँखे बन्द रखो
विचारो की तरफ ध्यान मत दो
कोई एक  मंत्र जो छो टा हो उसका मानसिक जाप करो
ध्यान मंत्र की तरफ रखो  और सिर के ऊपर  जहॉ चुटिया होती है वहॉ रखो
वहॉ न लगे तो आज्ञा चक्र पर रखो
तुमे मंत्र की तरफ ध्यान लगाना है कि उसका जप हो रहा है या नही
 बस यही इस ध्यान विधि की कुंजी है

अधिक से अधिक समय तक आसन लगा कर बैठो
कम से कम दो घण्टे बहुत जल्दी चमत्कार दिखने शुरू हो जायेगे

कमर सीधी रखो.आँखे बन्द रखो.
विचारो की तरफ ध्यान मत दो.विचार आयेगे तो जलदी नही जायेगे.इसलिए
ध्यान मंत्र की तरफ रखो

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र
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ज्योत की विधि

                                                                         ज्योत करना


आज मे अापको ज्योत करने की विधि बता रहा हू
जिसे गॉवो मे अग्यारी करना कहते है

मुझसे कई भाई पूछ रहे थे

ज्योत पर देव या देवी को भोग दिया जाता है
जो सीधा देवता  ग्रहण करता है
सभी साधको को अपनी इष्ट की शक्ति बढाने उने भोग देने के लिये कम से कम हफ्ते मे एक बार    ज्योत अवश्य  करनी चाहिये

यह छोटा सा हवन जैसा होता है


विधि 🔥


उपला या गोबर के कंडे को जला कर  ( या गैस पर कुछ देर रख दे  पूरा जलने के बाद  )|   लाल होने के बाद उस पर धूप डाले फिर तेल डालो चम्मच से
थोडा सा फिर  माचिस से जला दो
कुछ लोग दीपक पास मे रख देते है या कुछ लोग कपूर से जलाते है
केसे भी करो ज्योत जलनी चाहिये बस

वो चारो तरफ से बहुत अच्छी जलने लगेगी

लो हो गई ज्योत तैयार

फिर जो लौग बतासे भोग मे देने है वो देवता का नाम लेकर ज्योत पर चढाते जाये

बस हो गई ज्योत
धूप तेल थोडा थोडा बीच बीच मे डालते रहे

आग जलाने के लिये तुम कपूर का भी इस्तेमाल कर सकते हो

उपला ( कंडी  ) अच्छी तरह से जलना चाहिये
नही तो ज्योत पर आग ठीक से नही जलेगी


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गुरू पूजन विधि

                                                                   गुरू पूजन की विधि


जिन साधको ने गुरू से दीक्षा ली है वो गुरू द्वारा दिये गये गुरू मंत्र से पूजन करे

जिनके पास गुरू मंत्र नही है वो मेरे दिये इस मंत्र द्वारा पूजन करे


ओम ह्रीम गुरो प्रसीद प्रसीद नमस्तुभ्यम्

गुरू की तस्वीर सामने स्थापित करे

गुरू पूजन का संकल्प ले
गुरूजी का आवाहन करे

पूजन के लिये आप घी का दीपक लगाये   ,अगर बत्ती जलाये  , सेन्ट  ,चन्दन , पुष्प ,चावल ,वस्त्र ,फल ,  मिठाई , जल  आदि से पूजन करे गुरू स्त्रोतो का पाठ करे  यथा शक्ति गुरू
मंत्र का पाठ करे

 गुरूजी से कृपा प्राप्ति का आर्शिवाद ले
पूजन का विसर्जन  करे

गुुरू स्त्रोत    ------
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु गुरूदेवो महेश्वर
 गुरू साक्षात परम ब्रह्म
तस्मै श्री गुरवै नमः

ध्यानम् मूलं गुरू मूर्ति
पूजा मूलं गुरो पदमं
मंत्र मूलं गुरू वाक्यम्
मोक्ष मूलं गुरू कृपा

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव
त्वमेव विधा द्रवणम् त्वमेव
त्वमेव सर्वम्  मम् देव देव

गुरू गंगा गुरू गोमती
गुरू देवां रा देव
गुरू सू चेला आगला
करे गुरॉ री सेव

गुरू गोविन्द दोऊ खडे
काकै लागूं पाय
बलिहारी गुरू आपने
गोविन्द दियो बताय

 सब धरती कागज करूं लेखनि सब वनराय
सात समुद्र की मसि करूं
गुरू गुन लिखा न जाय

मात पिता तो फेर मिले
लख चौरासी माय
गुरू सेवा चरण बन्दगी
फेर मिलन की नाय

गुरू बिन भव निधि तरय न कोई
जो विरंचि शंकर सम होई

यह तन विष की बेलरी
गुरू अमृत की खान
 शीश दिये जो गुरू मिलैं तौ भी सस्ता जान

श्री गुरू चरन है चन्द्रमा  सेवक
 नयन चकोर
अष्ट प्रहर निरखत रहूं
श्री गुरू चरनो की ओर



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प्राथमिक पूजन विधि

                                                                   प्राथमिक पूजन विधि


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

आज मे आपको प्राथमिक पूजन की विधी बता रहा हू
कुछ भाई पूजन विधि जाने बिना ही साधना करते है नतीजा साधना सफल नही होती

विधि



सबसे पहले नहा धोकर साफ कपडे पहने
फिर आसन पर ये मंत्र एक बार  पढकर बैठे

मन मार मैदान करू करू मे चकना चूर पॉच महेश्वर आज्ञा करो तो बैठू आसन पूर


बैठने के बाद पवित्री करण करे इस मंत्र से 👇
बाये हाथ मे जल ले उसमे पाचो उगली डालकर मंत्र बोले

ॐ अपवित्र पवित्रो वा सर्वेस्थाम गतोअपि स्मेरेत पुडिरीकाक्षः सः बाह्म्भयंतर शुचि ॐपुनात पुडंरीकाक्षाय ॐपुनात पुडंरी काक्षाय ॐपुनात पू

फिर पानी को सर पर , पूजन सामग्री पर छिडक दें


फिर आचमन करो

तीन बार मंत्र बोले
ॐकेशवाय नमः
ॐमाधवाय नमः
ॐ नारायणाय नमः
दाये अगूठे से दो बार  होठ पोछकर
हाथ धोले


फिर प्राणायाम करे तीन बार


फिर दीपक जलाये मंत्र बोलकर
ॐ ज्योत ज्योत महा ज्योत सकल ज्योत जगाये तुमको पूजे सकल संसार ज्योत माता तू ईश्वरी तू हमारी धरम की माता हम तेरे धरम के पूत
ॐ ज्योति पुरूषाय धीमहि तन्नो ज्योत निरंजन प्रचोदयात


अगर बत्ती लगाये

फिर गुरूजी का पूजन करे ८
फिर गणेश जी  का पूजन करे

फिर इष्ट देव का पूजन करे
१०
फिर कुल देव का पूजन करे
११
फिर स्थान देव का पूजन करे
१२
फिर पितृ देवो का पूजन करे
१३
किसी अन्य लोक के देव की साधना करने पर लोकपाल द्क्पाल नवग्रह पूजन करे

१४
फिर उस लोकराज का पूजन करे जिस लोक से हम शक्तिकी पूजा कर रहे है  जैसे अप्सरा की साधना मे इन्द्र का ,
यक्ष की साधना मे कुबेर जी का
प्रेत की साधना मे प्रेतराज पूजन अनिवार्य है

१५
फिर मुख्य देव का आवाहन करे पूजन करे

१६
सभी से साधना मे सफलता का आशिर्वाद ले

१७
मंत्र का जाप शुरू करे
चाहे कुछ हो जप बीच मे नही छोडे
१८
आसन छोडकर कभी भी नही भागे

१९
साधना काल मे होने वाली अनुभूति को गुरू के सिवा किसी को नही बताये

 पूजन विधि

 सबसे पहले संकल्प ले जिस कार्य के लिये पूजा जप कर रहे हो

1 फिर
देवता का आवाहन करे दाये हाथ मे चावल पानी ले मंत्र बोले

अहम् त्वाम (  उर्वशी अप्सरायै प्रेमिका रूपम् ) आवाहनम् करिष्ये
इहागच्छ तिष्ठ इदम आसनम समर्पियामि
(  कोस्टक मे आप जिस देव देवी को बुलारहे हे उसका नाम ले )
हाथ से बैठने का इशारा करे

2
फिर
 इदम् धूपम् घ्रहणयामि
धूप अगरबत्ती दिखाये

3 इदम् दीपम् दर्शयामि
दीप दिखाये

4 इदम् पुष्पम समर्पियामि
पुष्प दे

5 इदम् चंदनम समर्पियामि
चंदन दै
6 इदम् सुगन्धि समर्पियामि
सेन्ट दे
7 इदम् नैवेध निवैदयामि
मिठाई दे
8 इदम् जल समर्पियामि

9
तामसिक साधना उग्र साधना हो तो सबसे पहले मंत्रो द्वारा अपने चारो ओर रक्षा घेरा खींच ले चाकू से या किसी लोहे की कील से

10 गुरू गणेश पूजन मे स्तुति करै

गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णुगुरूदेवो महेश्वर
गुरू साक्षात परम ब्रह्म  तस्मै श्री गुरवै नमः

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वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि सम्मप्रभ
निर्विघ्नम् कुरू मे देव सर्व कार्येसु सर्वदा




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