साधना के नियम


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

साधना के नियम

आज मे साधको को वो नियम बताता हू जिनके कारण उनकी साधना सफल असफल होती है
कुछ साधको को तंत्र के प्राथमिक नियम नही पता है नतीजा ये रहता है कि साधना सफल नही होती


1  तंत्र का पहला नियम है कि ये एक गुप्त विधा है इसलिये इसके बारे मे आप केवल अपने गुरू के अलावा किसी अन्य को अपनी साधना या साधना के दोरान होनी वाली अनुभूति को किसी अन्य को न बताये
चाहे वो कोई हो चाहे कुछ हो
सपने तक किसी को नही बताये
यदि येसा किया जाता है तो जो अनुभूति मिल रही है वो बन्द हो सकती है साधना असफल हो सकती है
उग्र देव की साधना मे प्राण तक जाने का खतरा है
इसलिये क्सी से कुछ शेयर न करे सिवाय गुरू के

2  दूसरा नियम गुरू द्वारा प्रदान किये गये मंत्रो को ही सिद्ध करने की कोशिश करे

3. साधना काल मे यानि जितने दिन साधना करनी है उतने दिन ब्रह्मचर्य रखे
शारीरिक सम्बंध न बनाये
मानसिक ब्रह्मचर्य के टूटने की चिंता नही करे
इस पर किसी का वश नही है
जैसे नाइट फॉल

4.  साधना के दौरान कमरे मे पंखा कूलर न चलाये ये तीव्र आवाज करते है जिनसे ध्यान भंग होता है
एसी रूम मे बैठ सकते है
या पंखा बहुत स्लो करके बैठे
सबसे अच्छा यही है कि पंखा न चलाये
क्योकि साधना के दौरान होने वाली आवाज को अाप पंखे की आवाज मे सुन नही पाते हो

5  कमरे मे आप बल्ब भी बन्द रखे क्योकि ये पराशक्तियॉ सूक्ष्म होती है इने तीव्र प्रकाश से प्रत्यक्ष होने मे दिक्कत होती है

6.  जप से पहले जिस की साधना कर रहे हो उसे संकल्प लेते समय  जिस रूप यानि मॉ बहन पत्नी दोस्त दास रक्षक  जिस रूप मे करे उसका स्पष्ट उल्लेख करे
ताकि देवते को कोई दिक्कत न हो और वो पहले दिन से आपको खुलकर  अनुभूति करा सके

7.  जाप के समय ध्यान मंत्र पर ऱखे  कमरे मे होने वाली उठापटक या आवाज की तरफ ध्यान नही दे

8.   कोई भी उग्र साधना करने पर सबसे पहले रक्षा मंत्रो द्वारा अपने चारो ओर एक घेरा खींच ले
मे परी अप्सरा यक्ष गन्धर्व  जिन्न की साधना मे कवच नही करवाता किसी को कोई दिक्कत नही हुयी
आप भी इने बिना कवच के कर सकते है ये सौम्य साधना है
घर से बाहर हमेशा कवच करके बैठे

8 कवच चाकू , लोहे की कील , पानी , आदि से अपने चारो ओर मंत्र पढते हुये घेरा खीचे

9.  जाप के बाद अपराधो के लिये छमा अवश्य मॉगे

10. जाप के बाद उठते समय एक चम्मच पानी आसन के कोने के नीचे गिराकर उस पानी को माथे से  अवश्य लगाये
इससे जाप सफल रहता है

11.  साधना के दौरान भय न करे ये शक्तियॉ डरावने रूपो मे नही आते
अप्सरा यक्ष यक्षिणी परी
गन्धर्व विधाधर जिन्न आदि के रूप डरावने नही है मनुष्यो जैसे है आप इनकी साधना निर्भय होकर करे

12.  अप्सरा हमेशा प्रेमिका रूप मे सिद्ध करे

13 यक्षिणी जिस रूप मे सिद्ध की जाती है उस रूप को थोडी दिक्कत रहती है
लेकिन ये उने मारती नही है डरावने रूप भी नही दिखाती
कुछ यक्षिणी कोई भी कष्ट नही देती
अतएव आप निर्भय होकर इनकी साधना कर सकते है

14 सबसे जरूरी बात जो भी साधना सिद्ध होती है या सफल होती है तो पहले या दूसरे दिन प्रकृति मे कुछ हलचल हो जाती है यानि कुछ सुनायी देता है या कुछ दिखायी देता है या  कुछ महसूस होता है
यदि ऐसा न हो तो साधना बन्द कर दो वो सफल नही होगी
लम्बी साधना जैसे 40 या 60 दिनो वाली साधना मे सात दिन मे अनुभूति होनी चाहिये

15.   साधना के लिये आप जिस कमरे का चुनाव करे उसमे साधना काल तक आपके सिवा कोई भी दूसरा प्रवेश नही करे
कमरे मे कोई आये जाये ना सिवाय तुम्हारे

16.  साधना काल मे लगने वाली सूखी सामग्री का पूरा इंतजाम करके बैठे

17  फल फूल मिठाई  हमेशा प्रतिदिन ताजे प्रयोग करे

18.  पूरी श्रद्धा विश्वास एकाग्रता से साधना करे ये सफलता की कुंजी हैं

19. ये पराशक्तियॉ प्रेम की भाषा समझती हैं इसलिये आप जिस भाषा का ज्ञान रखते है इनकी उसी भाषा मे पूजन ध्यान प्रार्थना करे
इने सस्कृत या हिन्दी या अग्रेजी से कोई मतलब नही है
अगर आप गुजराती हो तो आप पूरा पूजन गुजराती मे कर सकते है अगर आप मराठी हो तो पूरा पूजन मराठी मे कर सकते हो  कोई दिक्कत नही होगी

20.  और ये महान  शक्तियॉ है इसलिये हमेशा इनसे सम्मान सूचक शब्दो मे बात करे

21.  साधना कोई वैज्ञानिक तकनीक नही है जैसा आप लोगो को बताया जा रहा है अगर येसा होता तो अब तक भूत प्रेत का अस्तित्व वैज्ञानिक साबित कर चुके होते
ये एक जीवित शक्तियो की साधना है जिसमे देवता का आना ना आन उस देव पर भी निर्भर करता है कि आपसे वो कितना खुश है

22.   येसा कभी नही होगा कि कोई भी 11 दिन 21 माला का जाप बिना श्रद्धा विश्वास  कर दे और अप्सरा आदि उसके समक्ष आकर खडी हो जाये

23.   मंत्रो की ध्वनि का जीवित व्यक्ति के श्रद्धा विश्वास जाप करने पर ही व

24. जिस कमरे में साधना करनी हो उसमें किसी भी देवी या देवता की या घर के किसी मृतक की तस्वीर या पोस्टर न हो।

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