काल भैरव साधना


[26/10, 9:07 am] tantrikaharesakumaraguruj: हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


भैरव साधना

शक्ति की साक्षात मूर्ति का नाम है भैरव
यै जिन साधको पर प्रसन्न हो जाते है वो तंत्र मे उच्च कोटि के साधक बनकर इस दुनिया मे नाम यश कमाते है
भैरव की साधना कई प्रकार कई रूपो मे की जाती है
ये
इनकी साधना उग्र साधनाओ मे आती है
कुछ लोग इने तामसिक मानते है लेकिन आप इनका पूजन सात्विक रूप मे भी कर सकते है
इनके सात्विक रूप का पूजन मे करता और करवाता आ रहा हू
ये बहुत शीघ्र परिणाम देते है
मे सात्विक पूजन की विधि दे रहा हू साधक करके लाभ उठाये
इस साधना मे भैरव के रूप के प्रत्यक्ष दर्शन तो इनके पूर्ण प्रसन्न होने पर और विरले साधको को होते है मानसिक या सपने मे ये दरसन दे कर मनोकामना पूरी करते है



साधना विधि

साधक नहा धोकर काले आसन पर बैठे
काले कपडे पहने
ये साधना अष्टमी या रविवार या अमावस्या से शुरू कर सकते है
मुह दक्षिण दिशा की ओर करके बैठे एक तिकोना पत्थर लेकर उसे सिन्दूर से रंगकर एक थाली मे कालेकपडे पर स्थापित करे
जितने दिन पूजन करे उतने दिन का संकल्प लेले
फिर प्राथमिक पूजन करे
फिर भैरव का आवाहन उस पत्थर मे करे
फिर सिन्दूर का टीका उस पत्थर को लगाकर स्वंय भी लगाये
पंचोपचार पूजन करे उडद के सात मगोडे  , लौग का जोडा बताशे मे लगाकर , भोग दे
साधना मे दरसनो की प्राप्ति की प्रार्थना करे

फिर रूद्राक्ष की माला से पहले गुरूमंत्र की एक माला करे
फिर मंत्र का २१ माला जाप करे
कुछ अनुभूति हो तो भय न करे
यही सफलता की निशानी है
जप के बाद जप देवता को अर्पित करके छमॉ मॉगे
और वही कमरे मे सोये
येसा लगातार 40 दिन करे
नही  हो तो 21 दिन करे कृपा प्राप्त हो जायेगी

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र 9690988493
8384844021

साधना के नियम


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

साधना के नियम

आज मे साधको को वो नियम बताता हू जिनके कारण उनकी साधना सफल असफल होती है
कुछ साधको को तंत्र के प्राथमिक नियम नही पता है नतीजा ये रहता है कि साधना सफल नही होती


1  तंत्र का पहला नियम है कि ये एक गुप्त विधा है इसलिये इसके बारे मे आप केवल अपने गुरू के अलावा किसी अन्य को अपनी साधना या साधना के दोरान होनी वाली अनुभूति को किसी अन्य को न बताये
चाहे वो कोई हो चाहे कुछ हो
सपने तक किसी को नही बताये
यदि येसा किया जाता है तो जो अनुभूति मिल रही है वो बन्द हो सकती है साधना असफल हो सकती है
उग्र देव की साधना मे प्राण तक जाने का खतरा है
इसलिये क्सी से कुछ शेयर न करे सिवाय गुरू के

2  दूसरा नियम गुरू द्वारा प्रदान किये गये मंत्रो को ही सिद्ध करने की कोशिश करे

3. साधना काल मे यानि जितने दिन साधना करनी है उतने दिन ब्रह्मचर्य रखे
शारीरिक सम्बंध न बनाये
मानसिक ब्रह्मचर्य के टूटने की चिंता नही करे
इस पर किसी का वश नही है
जैसे नाइट फॉल

4.  साधना के दौरान कमरे मे पंखा कूलर न चलाये ये तीव्र आवाज करते है जिनसे ध्यान भंग होता है
एसी रूम मे बैठ सकते है
या पंखा बहुत स्लो करके बैठे
सबसे अच्छा यही है कि पंखा न चलाये
क्योकि साधना के दौरान होने वाली आवाज को अाप पंखे की आवाज मे सुन नही पाते हो

5  कमरे मे आप बल्ब भी बन्द रखे क्योकि ये पराशक्तियॉ सूक्ष्म होती है इने तीव्र प्रकाश से प्रत्यक्ष होने मे दिक्कत होती है

6.  जप से पहले जिस की साधना कर रहे हो उसे संकल्प लेते समय  जिस रूप यानि मॉ बहन पत्नी दोस्त दास रक्षक  जिस रूप मे करे उसका स्पष्ट उल्लेख करे
ताकि देवते को कोई दिक्कत न हो और वो पहले दिन से आपको खुलकर  अनुभूति करा सके

7.  जाप के समय ध्यान मंत्र पर ऱखे  कमरे मे होने वाली उठापटक या आवाज की तरफ ध्यान नही दे

8.   कोई भी उग्र साधना करने पर सबसे पहले रक्षा मंत्रो द्वारा अपने चारो ओर एक घेरा खींच ले
मे परी अप्सरा यक्ष गन्धर्व  जिन्न की साधना मे कवच नही करवाता किसी को कोई दिक्कत नही हुयी
आप भी इने बिना कवच के कर सकते है ये सौम्य साधना है
घर से बाहर हमेशा कवच करके बैठे

8 कवच चाकू , लोहे की कील , पानी , आदि से अपने चारो ओर मंत्र पढते हुये घेरा खीचे

9.  जाप के बाद अपराधो के लिये छमा अवश्य मॉगे

10. जाप के बाद उठते समय एक चम्मच पानी आसन के कोने के नीचे गिराकर उस पानी को माथे से  अवश्य लगाये
इससे जाप सफल रहता है

11.  साधना के दौरान भय न करे ये शक्तियॉ डरावने रूपो मे नही आते
अप्सरा यक्ष यक्षिणी परी
गन्धर्व विधाधर जिन्न आदि के रूप डरावने नही है मनुष्यो जैसे है आप इनकी साधना निर्भय होकर करे

12.  अप्सरा हमेशा प्रेमिका रूप मे सिद्ध करे

13 यक्षिणी जिस रूप मे सिद्ध की जाती है उस रूप को थोडी दिक्कत रहती है
लेकिन ये उने मारती नही है डरावने रूप भी नही दिखाती
कुछ यक्षिणी कोई भी कष्ट नही देती
अतएव आप निर्भय होकर इनकी साधना कर सकते है

14 सबसे जरूरी बात जो भी साधना सिद्ध होती है या सफल होती है तो पहले या दूसरे दिन प्रकृति मे कुछ हलचल हो जाती है यानि कुछ सुनायी देता है या कुछ दिखायी देता है या  कुछ महसूस होता है
यदि ऐसा न हो तो साधना बन्द कर दो वो सफल नही होगी
लम्बी साधना जैसे 40 या 60 दिनो वाली साधना मे सात दिन मे अनुभूति होनी चाहिये

15.   साधना के लिये आप जिस कमरे का चुनाव करे उसमे साधना काल तक आपके सिवा कोई भी दूसरा प्रवेश नही करे
कमरे मे कोई आये जाये ना सिवाय तुम्हारे

16.  साधना काल मे लगने वाली सूखी सामग्री का पूरा इंतजाम करके बैठे

17  फल फूल मिठाई  हमेशा प्रतिदिन ताजे प्रयोग करे

18.  पूरी श्रद्धा विश्वास एकाग्रता से साधना करे ये सफलता की कुंजी हैं

19. ये पराशक्तियॉ प्रेम की भाषा समझती हैं इसलिये आप जिस भाषा का ज्ञान रखते है इनकी उसी भाषा मे पूजन ध्यान प्रार्थना करे
इने सस्कृत या हिन्दी या अग्रेजी से कोई मतलब नही है
अगर आप गुजराती हो तो आप पूरा पूजन गुजराती मे कर सकते है अगर आप मराठी हो तो पूरा पूजन मराठी मे कर सकते हो  कोई दिक्कत नही होगी

20.  और ये महान  शक्तियॉ है इसलिये हमेशा इनसे सम्मान सूचक शब्दो मे बात करे

21.  साधना कोई वैज्ञानिक तकनीक नही है जैसा आप लोगो को बताया जा रहा है अगर येसा होता तो अब तक भूत प्रेत का अस्तित्व वैज्ञानिक साबित कर चुके होते
ये एक जीवित शक्तियो की साधना है जिसमे देवता का आना ना आन उस देव पर भी निर्भर करता है कि आपसे वो कितना खुश है

22.   येसा कभी नही होगा कि कोई भी 11 दिन 21 माला का जाप बिना श्रद्धा विश्वास  कर दे और अप्सरा आदि उसके समक्ष आकर खडी हो जाये

23.   मंत्रो की ध्वनि का जीवित व्यक्ति के श्रद्धा विश्वास जाप करने पर ही व

24. जिस कमरे में साधना करनी हो उसमें किसी भी देवी या देवता की या घर के किसी मृतक की तस्वीर या पोस्टर न हो।

तीन वचन


[22/10, 8:40 a.m +.   हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


तीन वचन


कुछ साधक साधना करते है तो उनकी साधना जब सफल होती है तो उने समस्या होती है कि देव के प्रत्यक्ष होने पर क्या करे
आज मे बताता हू कि देव से किस प्रकार वचन लिये जाते है
साधना  के अन्तिम दिन विशेष तैयारी करनी चाहिये
चाहे साधना किसी की है
गुलाब के फूलो की माला अवश्य अपने पास रखे
देव के प्रत्यक्ष होने पर डरें नही
देव हमेशा जाप पूरा होने से पहले ही प्रत्यक्ष हो जाते है
लेकिन जब तक जाप पूरा ना हो जाये हमें आसन नही छोडना है चाहे जो हो जाये
जाप पूरा होने के बाद उठकर उने प्रणाम करे
कभी कभी किसी कारण से देव प्रत्यक्ष न हो तो माला का जाप उस रात बढा देना चाहिये तब तक जब तक देव प्रत्यक्ष न हो
माला गले मे डाल दें
जब वो पूछे कि क्या चाहिये या मे क्या काम करू या मेरे लिये क्या आज्ञा है या मुझे क्यो याद किया है तो उससे कहे  कि मे जब आपको याद करू तो आप उपस्थित हों
तब वह देव कहेगा कि मे फलाने मंदिर या किसी अन्य विशेष जगह पर नही आ सकता तो आप समझ कर हॉ करे नही तो उससे कुछ और शर्ते लगा कर हॉ करे

फिर दूसरा वचन ले कि मे जिस कार्य को कहू वो पूरा करे
तब वह देव कहेगा कि ठीक है लेकिन मे गलत काम या फलाना नही करूगा
तब उससे कह दे कि गलत कार्य आ पडा इमरजेन्सी मे  तो आपको करना होगा
लेकिन मे नार्मल नही करवाउगा
फिर जैसे सैदा हो जाये


फिर तीसरा वचन ले कि किसी कारण चाहे कोई गलती हो तुम मुझे या मेरे परिवार को किसी भी तरह से परेशान नही करोगे डराओगे नही सताओगे नही और सदैव रक्षा करोगे

तो वो सारे वचन दे देगा
सारे वचन तीन तीन बार कहलवा कर लें

कुछ साधनाओ मे शक्ति स्वयं ही आकर कह देती है कि मे तुम्हारी दासी या पत्नी या दोस्त या मॉ  के रूप मे मदद करूगा
या दोस्त या पत्नी बनकर रहूगा

कभी कभी देव कुछ गलत मॉग कर लेते है ऐसा करने पर कभी भी हॉ नही करना चाहिये
जैसे वो तुमसे तुम्हारे बच्चो की मॉग करता है तो उसे तुरन्त मना कर देना चाहिये
एसे ही कुछ देव आपकी पत्नी की मॉग भी कर सकते है
उने स्पष्ट मना कर दे
कभी कभी देव कहते है कि भाई मैं तुम्हारा इतना काम करूगा तो तुम मुझे खाना खिलाउगे  या भूखा रखोगे
तब होशियारी से बोल दीजिये कि काम होने के बाद मे आपको इतने लड्डू या मिठाई सेन्ट या इतनी अगरबत्ती दूगा
मात्रा अवश्य कह देनी चाहिये नही तो इनका पेट भरना साधक के लि़े ये सम्भव नही है
ये जब तुमे अपने साथ ले जाने की कहे तो तुरन्त मना कर दें येसा नही सोचे कि वो परीक्षा ले रहा है क्योकि तुमने कहा कि ठीक है मे साथ चलूगा तो वो तुमे तुरन्त ही मार देगा

साधना काल मे देव से जो वचन हो जाये जो तुम एग्रीमेन्ट कर लो  तो उसे किसी भी हाल मे तोडना नही चाहिये
नही तो बहुत दुख कष्ट भोगना पडता है
कभी भी कोई शक्ति जब तक तुम वचन नही तोडोगे तुमे परेशान नही करेगी चाहे वो कितनी भी उग्र हो तामसिक हो
और वचन टूटने पर हनुमान जी भी माफ नही करते ये याद रखना
ये मेरे अपने अनुभव है किताबी नही है

साधना के बाद आपका जीवन सुख से बीतेगा या दुख के साथ ये देवता से किये गये वचनो पर निर्भर करता है
देवता से हमेशा वही काम ले जिसका उससे वचन लिया गया है
अच्छे काम वाले से गलत न कराये
और गलत वाले से अच्छा न कराये
नही तो रोने के लिये तैयार रहे

सारे देव ठीक है कोई भी नाहक किसी साधक को परेशान नही करता
यदि तुमने उनसे मारण मोहन उच्चाटन विद्वेषण जैसे उग्र और घिनौने काम करवाये है तो आपको उनका फल भी भोगना होगा

और सबसे आवश्यक बात कि धन प्राप्ति के लिये उसकी कृपा का इन्तजार करे
सट्टे या लॉटरी के द्वारा नम्बर द्वारा धन चाहो तो उससे ये नम्बर रोज रोज नही मॉगने चाहिये
महीने दो महीने मे उससे लेने चाहिये

धन प्राप्ति के लिये उससे प्रार्थना करनी चाहिये उसे आदेश नही दे क्योकि आदेश देने पर वे धन दे तो देगे लेकिन वो धन टिकेगा नही जल्दी ही नष्ट हो जायेगा
जो वह प्रसन्न होकर देगा वो स्थायी रहेगा
सबसे बेहतर है अपने कामो मे उससे मदद लेते रहना
इन शक्तियो द्वारा हमेशा परोपकार करना चाहिये
जितना हो लोगो का भला करे
आप कभी दुखी नही रहोगे
वरना ये याद रखे

जब तूने औरौ को रूलाया
अब क्यो फूट के रोये रे
फूलो की है तुझको चाहत
फिर कॉटे क्यो बोये रे

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लक्ष्मी कुबेर साधना


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लक्ष्मी कुबेर साधना


दीपावली हमारे जीवन मे बहुत  महत्व रखती है
इस दिन किसी भी साधना की शुरूवात करना फलदायी होता है
मे एक साधना बता रहा हू जिसके करने से आपको धन की समस्याओ से निजात मिल जायेगी
ये साधना धन प्राप्ति के लिये की जाती है
यह साधना तीन दिन की है

यदि साधना को लगातार 40 दिन करते है  तो सुख समृद्धि हमेशा बनी रहती है

इसके द्वारा मेने कई लोगो के जीवन मे धन की परेशानी खतम की है आज वो सम्पन्न जीवन जी रहे है


साधना विधि

यह साधना धन त्रयोदशी से प्रारम्भ होती है  दीवाली की रात को सम्पन्न हो ती है
इसे  7. , 11 , 21 या 40 दिन तक लगातार कर सकते है
जाप का समय अपने सुविधा  अनुसार दिन या रात का रख सकते है

नहा धोकर सबसे पहले सफेद वस्त्र पहने
चॉदी के दो सिक्के यदि मिल सके तो सामने स्थापित कर ले

सामने लक्ष्मी कुबेर की मूर्ति या तस्वीर किसी चौकी पर या जमीन पर लाल वस्त्र पर स्थापित करे
फोटो हो तो सामने टांग ले
पश्चिम मुख होकर लाल आसन पर बैठे

सर्व प्रथम धन प्राप्ति के लिये संकल्प लें
जितने दिन करना हो उतने दिन का
जितना जाप करना हो उतने जाप का संकल्प लें

गुरू गणेश पूजन करे प्राथमिक पूजन विधि की मेरी पोस्ट पढे उसके अनुसार पूजन करे
कुबेर जी का आवाहन एक सिक्के पर करके पूजन करे
माता लक्ष्मी का  दूसरे सिक्के पर आवाहन करके पूजन करे
पूजन पंचोपचार करे
सरल विधान ठीक रहता है

सस्कृत पढ लेते हो तो पॉच पाठ कनक धारा के करें

एक माला गुरूमंत्र की करे
फिर कुबेर मंत्र की ११ माला जाप करे
जप कुबेर जी को निवेदित करे
फिर 21 माला लक्ष्मी मंत्र की करे
जप के बाद ये जप भी माता को समर्पित कर दें
गलती अपराधो के लिये छमा मॉगे

तीन दिन कमल गट्टो का  तिल के तेल  द्वारा  हवन करना है सामर्थ्य के अनुसार
कम से कम प्रतिदिन 108 कमल गट्टो द्वारा हवन करना है


माला की संख्या अपने सामर्थ्य के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते है
दिन भी कम ज्यादा कर सकते है
लेकिन तीन दिन ये साधना करनी आवश्यक है
जितना अधिक आप जाप करेगे आपको लाभ भी उतना ही अधिक होगा

कुबेर मंत्र

ॐ श्री कुबेराय धनं मे  देहि देहि कुबेराय नमः

लक्ष्मी मंत्र

ॐ श्री लक्ष्मिभ्यो  धनं मे
देहि देहि लक्ष्मिभ्यो नमः

प्राथमिक पूजन की विधि पता न हो तो मुझसे पूछ ले
मे पोस्ट भेज दूगा



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मोहम्मदा वीर की साधना



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सट्टे की साधना मोहम्मदा वीर की



धन प्राप्ति का सबसे सुगम मार्ग है सट्टे द्वारा धन प्राप्त करना इसके लिये मे आज एक मोहम्मदा वीर की साधना दे रहा हू
करके लाभ उठाये


साधना विधि

ये साधना होली की रात ,दीवाली की रात ,या किसी भी ग्रहण मे शुरू कर सकते है
साधक रात मे नहा धोकर सफेद कपडे पहन कर  काले आसन पर
पश्चिम मुख होकर
बैठे
गुरू इष्ट पूजन करे
लौभान गूगल अगरबत्ती जला ले
हलवा का भोग लगाकर मोहम्मदा वीर से प्रार्थना करे
मंत्र का पॉच माला का जाप हकीक की माला से करे
जप के बाद गलती के लिये छमा मॉगे
जप मे कुछ अनुभव हो सकते है डरना नही चाहिये
ये साधना ११ दिन करनी है
इसके बाद नम्बर आपको रात मे स्वप्न मे मिलने शुरू हो जायेगे

इस साधना मे मोहम्मदा जी से वार्तालाप भी सम्भव है अगर येसा होता है तो न म्बर वो प्रत्यक्ष देते है
ज्यादा लोभ मे न पडे उतना ही ले जितने की जरूरत हो

मंत्र के लिये सम्पर्क करे

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अग्नि वैताल साधना





वैताल साधना


वैताल साक्षात शक्ति का  रूप है
और इसकी साधना बहुत भयकारी होती है
ये उच्च कोटि की साधना होती है
वैताल साधक बहुत कुछ कर सकनै की शक्ति से सम्पन्न हो जाता है

मे एक सोम्य साधना बता रहा हू वेसे तो वैताल की कोई साधना सोम्य नही है

लेकिन ये अन्य साधना की अपेक्षा काफी सोम्य है
 वैतार बारह प्रकार के होते है
वैताल अलग अलग शक्ति विशेष मे पारंगत देव है
और इने सिद्ध करके उस विधा मे साधक पूर्ण निपुण हो जाता है

जैसे अग्नि वैताल की साधना करके साधक कही भी अग्नि लगा सकता है या बुझा सकता है


साधना विधि



मंगल वार कृष्ण पक्ष  से  शुरू करनी है
रात बारह बजे नहा धोकर किसी एकांत स्थान पर
काले कम्बल पर  दक्षिण मुख होकर बैठे
काले कपडे पहन कर करे
सबसे पहले रक्षा कवच कर ले
प्राथमिक पूजन करे
फिर सामने घास फूस का ढेर रखे

मंत्र का ११ माला जाप करे

फिर इस मंत्र का जाप करते हुये साबुत उडद के 108  दानै को उस घास फूस पर फैके

एक बार मंत्र पढकर एक दाना फैकना है

साधना के बाद क्षमा मॉगे
घर आ जाये
ये क्रिया लगातार २१ दिन तक करे
२१ वे दिन खीर बनाकर साथ ले जाये
गुलाब की माला भी साथ ले जाये

मंत्र जाप के समय या उडद फैकते समय जैसे ही उस घास फूस के ढेर मे आग लगेगी वेसे ही वैताल जीभ निकाल कर हुंकार कर हाथ बढाये तो तुरन्त उसे खीर का दोना दे दे

फिर जैसे ही वो बात करने लगे तुम गुलाब माला उसके गले मे डाल दे
और उससे वचन लेले की तुम मेरे वश मे रहकर मेरा काम सिद्ध करना

साधना के बाद बैताल को जब भी याद करोगे वो तत्काल हाजिर होकर काम पूरा कर देगा


हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी 9690988493
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बवासीर का इलाज


जड़ से बवासीर खत्म करने के 15 उपाय


बवासीर के मस्सों को दूर करने के लिए 2 प्याज को भूमल (धीमी आग या राख की आग) में सेंककर छिलका उताकर लुगदी बनाकर मस्सों पर बांधने से मस्से तुरन्त नष्ट हो जाते हैं।
चाय की पत्तियों को पीसकर मलहम बना लें और इसे गर्म करके मस्सों पर लगायें। इस मलहम को लगाने से मस्से सूखकर गिरने लगते हैं।
लगभग 60 ग्राम काले तिल खाकर ऊपर से ठंड़ा पानी पीने से बिना खून वाली बवासीर (वादी बवासीर) ठीक हो जाती है। दही के साथ पीने से खूनी बवासीर भी नष्ट हो जाती है।
मेंहदीं के पत्तों को जल के साथ पीसकर गुदाद्वार पर लगाकर लंगोट बांधे। इससे मस्से सूख कर गिर जाते हैं।
बैंगन को जला लें। इनकी राख शहद में मिलाकर मरहम बना लें। इसे मस्सों पर लगायें। मस्से सूखकर गिर जायेंगें।
हरसिंगार के बीजों को छील लें। 10 ग्राम बीज में 3 ग्राम कालीमिर्च मिलाकर पीसकर गुदा पर लगाने से बादी बवासीर ठीक होती है।
छोटी हरड़, पीपल और सहजने की छाल का चूर्ण बनाकर उसी मात्रा में मिश्री मिलाकर खायें। इससे बादी बवासीर ठीक होती है।
सांप की केंचुली को जलाकर उसे

सरसों के तेल में मिलायें। इस तेल को गुदा पर लगाने से मस्से कटकर गिर जाते हैं।


कपूर को आठ गुना अरण्डी के गर्म तेल में मिलाकर मलहम बनाकर रखें। पैखाने के बाद मस्सों को धोकर और पौंछकर मस्सों पर मलहम को लगायें। इसको लगाने से दर्द, जलन, चुभन आदि में आराम रहता है तथा मस्से सूखकर गिर जाते हैं।
फूली हुई और दर्दनाक बवासीर पर हरी या सूखी भांग 10 ग्राम अलसी, 30 ग्राम की पुल्टिश बनाकर बांधने से दर्द और खुजली मिट जाती है।
तुलसी के पत्ते का रस निकालकर इसे नीम के तेल में मिलाकर प्रतिदिन सुबह- शाम मस्सों पर लगाएं। मस्सों पर इसको लगाने से मस्से जल्द

ठीक हो जाते हैं।
चुकन्दर खाने व रस पीते रहने से बवासीर के मस्से समाप्त हो जाते हैं।
बवासीर के मस्सों पर करीब एक महीने तक लगातार पपीते का दूध लगाने से मस्से सूख जाते हैं।
भूनी फिटकरी और नीलाथोथा 10-10 ग्राम को पीसकर 80 ग्राम गाय के घी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम मस्सों पर लगायें। इससे मस्से सूखकर गिर जाते हैं।
कनेर की जड़ को ठंड़े पानी के साथ पीसकर शौच जाते समय जो मस्से बाहर निकल जाते है उन पर लगाने से वे मिट जाते हैं।

आकर्षण प्रयोग


आकर्षण प्रयोग


कभी कभी ऐसा होता है कि किसी बात से नाराज होकर कोई लडका या लडकी घर से चला जाता है
या कई बार ऐसा होता है कि किसी ने कुछ प्रयोग कर दिया होता है तो घर का सदस्य घर से निकल जाता है
काफी मेहनत के बाद भी कुछ पता नही चलता है
ऐसी परिस्थिति मे व्यक्ति लाचार हो जाता है

तो तंत्र द्वारा उसे बुलाया जा सकता है
येसे प्रयोगो को आकर्षण प्रयोग कहते है

इस प्रयोग द्वारा किसी घर से भागे लडके या लडकी को बुलाया जा सकता है
किसी ऱूठ कर गये व्यक्ति को बुलाया जा सकता है


साधना विधि

यह प्रयोग मंगल से शुरू करना होता है

साधक रात को नहा धोकर उत्तर मुख होकर आसन पर बैठे

प्राथमिक पूजन करे

फिर मंत्र का ११ माला जाप करे
फिर दूसरे मंत्र की एक माला जाप करे
प्रतिदिन ११ दिन तक साधना करे


प्रयोग के समय किसी भागे हुये व्यक्ति के कपडे पर चूहे के बिल की मिट्टी , बिनौले , सरसो के दाने  मंत्र पढ पढ कर मारे
ऐसा करने से वो व्यक्ति जहॉ भी होगा वापस घर आ जायेगा


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सरस्वती साधना



सरस्वती साधना

पढी विधा न भूलने की


कुछ बच्चे ऐसे होते है उने कि वो कितना भी पढ ले याद ही नही होता
मे आज एक ऐसी सरस्वती माता की साधना बता रहा हू जिसके करने के बाद आप पढे लिखे को बहुत बेहतर तरीके से याद कर सकते हो
इस साधना से आपकी बुद्ध तीव्र हो जाती है
याददाश्त बढ जाती है

हाजिर जबाबी बढ जाती है


साधना विधि

ये साधना किसी रविवार से शुरू की जाती है
प्रातकाल साधक नहाधोकर पूरब मुख होकर बैठे
सामने सरस्वती माता का चित्र या तस्वीर स्थापित करे
प्राथमिक पूजन करे ( मेरी पोस्ट  प्राथमिक पूजन विधि पढे )
फिर सरस्वती माता का
सफेद पूजन सामग्री से पूजन करे
फिर पहले गुरू मंत्र का एक माला जाप करे फिर सरस्वती मंत्र का एक , दो , या पॉच माला जाप कर सकते है

साधना वाले प्रथम दिन व्रत रहे तो उत्तम है
यह साधना लगातार २१ दिन करे
माता की कृपा से आपकी बुद्ध इतनी तीव्र हो जायेगी कि आप को आश्चर्य होगा


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पारद बंधन


वनस्पति पारद बंधन बुटिका एंव अगनी स्थाई  पारा बनाये
आप को सबसे पहलै अरिठे के पत्ते, अरंडी के पत्ते दोनो पेड के पत्ते पांच लेना हे फिर खरल मे बारिक पीस कर पारा खरल करे 30मि.पारा ठोस रुप ले लेगा खरल करने के बाद पारे को खरल करते समय ही पानी से अच्छी तरह धोना हे जिससे की पारे से पत्ती के टुकडे ओर बारिक अंश निकल जाय उसके बाद एक धतूरे का फल लेकर उसे डंठल के यहा से छेद करके उसके सारे बिज एक कटोरी मे निकाल ले उसके बाद आपने जो पारद ठोस किया हे उसकी एक गोली बना ले जो धतूरे के फल के अंदर ठीक रखी जा सके उसमे रखने के बाद उपर से सारे बिज भरदे ओर कपड मिट्टी करदै फल के चारो तरफ मुलतानी मिट्टी 100ग्राम मेदस ग्राम सुहागा बारिक पिस कर डलले उससे कपड मिट्टी बहुत ही मजबुत बनती ओर कपडा जलता भी नही हे इसको अच्छी तरह धुप मे सुखा लेने के बाद आप एक छोटी मटकी ले उसमे कली वाला बारिक चुना भर दे आधी भरने के बाद इस कपड मिट्टी को बिच मे रखे उपर से फिर चुना डालदे ओर अच्छी तरह दबा दे हल्के हाथ से उपरे एक ढक्कन लगा दे मटकी के उपर फिर कपड मिट्टी करे सुखने के बाद आप इसे उपले से चारो तरफ ढक कर आग लगा दे चार घंटे आग मे रहने दे पुरी तरह ठंडा होने पर उसे खोले उसके बाद आपको अग्नि स्थाई पारे की पारद बुटिका मीलती हे एक दम ओरिजनल आप इसे गले मे धारण करे या ओर अन्य काम मे ले ।

अक्षय लक्ष्मी साधना



अक्षय लक्ष्मी साधना

आज की दुनिया मे पैसे की जरूरत सभी को है
पैसा हमेशा से ही बहुत अनिवार्य रहा है
इस पैसे के लिये मनुष्य धर्म अधर्म का विचार किये बिना कार्य करता है

वेसे तो तंत्र शास्त्र मे बहुत साधना है लेकिन ये साधना मेरी कई बार अनुभूत है मेने इसे कई लोगो से कराया है और रजिल्ट बहुत आश्चर्य चकित करने वाला रहा है
इस साधना से धन के स्त्रोत बनने लगते है रूका धन मिल जाता है या अचानक से धन की प्राप्ति हो जाती है
कार्यव्यवसाय मे सफलता प्राप्त होती है
इस साधना से धन के नये नये स्त्रोत मिल जाते है
इसका जाप जीवन भर करते रहने रहने से कभी धन के अभाव का सामना नही करना पडता

ये साधना कई तरीके से की जाती है मे सबसेे सरल
तरीका बता रहा हू

साधना विधि
यह साधना धन तेरस से ग्यारह दिन पहले से शुरू की जाती है यानि ग्यारवे दिन धन तेरस हो
इसे दिन या रात जैसे चाहो समय के अनुसार कर सकते हो रात्रि काल वेसे उचित रहता है
रात नौ बजे के बाद नहा धोकर पश्चिम मुख होकर लाल आसन पर बैठे
सामने लक्ष्मी कुबेर की मूर्ति या चित्र स्थापित करे

सामनै एक थाली मे चॉदी के दो सिक्के  रखे
एक पर लक्ष्मी दूसरे पर कुबेर का आवाहन करे और साधना के बाद उने तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दे

अक्षय धन प्राप्ति का संकल्प ले
प्राथमिक पूजन करे (  मेरी प्राथमिक पूजन विधि पढे  )

अक्षय लक्ष्मी का आवाहन करके पूजन करे पूजन सामग्री लाल हो फल फूल मिठाई सभी लाल हो

मंत्र का यथा सम्भव कमलगट्टे की माला से  जितना हो जाय जाप करे
प्रतिदिन 108 कमलगट्टो से तिल के तेल द्वारा हवन करे आहुति केवल कमल गट्टे और तिल के तेल की ही दे कुछ और न बढाये

मात्र ११ दिन मे ही चमत्कार हो जायेगा
इस साधना को यदि पति पत्नी मिल कर करे तो फल की प्राप्ति कई गुना बढ जाती है और शीघ्र होती है
वेसे जितना हो सके पत्नी को पति के साथ जाप करना चाहिये
यदि ये सम्भव न होतो कम से कम हवन मै तो साथ बैठना ही चाहिये पति कमल गट्टे डालता जाये और पत्नी तिल के तेल की  आहुति देती जाये
आप इसका जाप सवा लाख करके दशांश हवन कर सकते है
दीवाली पर इस मंत्र द्वारा कमल गट्टो का  हवन करना चहिये
साधना के बाद नित्य 108 मंत्र जाप करना चाहिये
बुधवार को 108 कमल गट्टो से हवन करते रहना चाहिये इससे बरकत बनी रहती है

इसे कभी भी किसी भी गुरूवार बुधवार से भी शुरू कर सकते है लेकिन प्रभाव थोडा कम होता है

मंत्र के लिये सम्पर्क करे

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी 9690988493
8384844021

मोहिनी योगिनी साधना


योगिनी साधना

योगिनी साधना एक अपने आप मे पूर्ण साधना है
योगिनी की साधना माता के भक्तो के लिये किसी वरदान से  कम नही है

योगिनी को माता बहन पत्नी के रूप मे सिद्द किया जाता है
स्त्री साधिका इनै माता बहन या सहेली के रूप मे सिद्ध कर सकती है
इनके सिद्ध से धन के कार्य
किसी समस्या का समाधान चुटकियो मे किया जा सकता है
स्त्रियो के लिये ये साधना अधिक उपयुक्त है

कई प्रकार की योगिनि होती है मे मोहिनी योगिनी की साधना विधि दे रहा हू

साधना विधि

एकांत कमरे मे लाल आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुह करके बैठे
ये साधना माता या शिव मंदिर मे भी हो सकती है

जिस रूप मे योगिनी की साधना करना है उस रूप का संकल्प ले ले

गुरू गणेश का पूजन करे
सभी प्राथमिक पूजन करे
फिर माता का पूजन करे
सभी से साधना मे सफलता का आशिर्वाद ले

फिर मोहिनी योगिनी का आवाहन करे
पूजन करे भोग मे दूध मिसरी दे लाल वस्त्र प्रदान करे
शीघ्र दर्शन एवम सफलता की कामना करे

फिर स्फटिक माला से मंत्र का 5000 जाप करे
जाप मे कुछ अनुभूति हो सकती है डरे नही जाप करते रहे
ये क्रिया प्रतिदिन करे

ये साधना पूर्णिमा से शुरू
करनी है पूर्णिमा को ही सम्पन्न करनी है एक माह तक जाप करना है
योगिनी की कृपा का अनुभव स्वयं हो जायेगा

इस योगिनी साधना से आप वशीकरन भी कर सकते है

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र 9690988493
8384844021

पारद का शिवलिंग बनाना


 सितम्बर के माह मे  शिवलींगी कि बेल आपको बहोत प्रमाण मे प्राप्त हो जायेंगी आप शिवलिंगी कि बेल इतनी ज्यादा लेकर आइये कि उसमे से कम से कम चार पाँच liter शिवलिंगी का रस निकल आये आप उस रस को pepsi कि खाली शीशी मे भरकर रखे दो तीन दिन मे उस रस मे मिली हुई हरी पत्ती का चूर्ण नीचे बैठ जाये तब आप ऊपर का सत्व मिला हुआ पानी निकाल कर अलग रख दें जो हल्के कथीया रंग का होंगा यही हमारे काम का है ऐसा ही सत्व युक्त शिवलिंगी का पानी आपने चार से पाँच किलो जमा करना है

‬: इतना करने के उपरांत आपने शुद्ध पारद जो अष्ट संस्कारित हो और बुभुक्षित हो उसे बालुका यंत्र मे चीनी मिट्टी का प्याला रख कर उस प्याले मे शुद्ध पारा रख कर पारे को बहोत धीमी धीमी आँच पर गरम करना है जब पारा गरम हो जाये तब उस पारे मे बहोत थोड़ा थोड़ा शिवलिंगी का सत्व युक्त जल डालते रहना है इस तरह उस पारे मे वह जल सूक्ते जायेंगा उसमे का सत्व पारे के साथ मिलते जायेंगा तो पारा मक्खन कि तरह होता जायेंगा उसमे और भी रस डालते रहे तो पारा ठोस होता जायेंगा तब आप उस शिवलिंग को जैसा चाहे आकर दे दें हो सक्ता है यह शिवलिंग भी स्वर्ण को खा कर पचा ले॥

 किसी लोहे के पात्र मे बालू(रेती) भरकर उस बालू मे चीनी मिट्टी का प्याला रख दें और उस बालू रखे हुये पात्र को चूल्हे पर रख दें और नीचे से इतनी ही आँच दें कि बालू गरम हो जाये उस गरम बालू से वह चीनी मिट्टी का प्याला गरम होँगा और पारा भी गरम होँग यही बालुका यंत्र है॥