जाप के प्रकार और साधना के परहेज क्या है
जाप तीन प्रकार का होता है
1. मानसिक - जो केवल मन मे होता है जीभ भी स्थिर हो जाये
2. उपांशु- जो कि आपके अलावा कोई न सुन सके न समझ सके बुदबुदाना
3.बाचिक - जोर जोर से बोलना जिसे दूर बैठा सुन सके कथा वाचक की तरह
केवल गुरुमंत्र आंखे बंद करके मानसिक होगा
बाकी सभी मंत्र जाप खुली आँखों से उपाशुं करने हैं
लाइट बन्द रहेगी दीपक का प्रकाश पर्याप्त है
ये नियम केवल साधना और कवच सिद्ध के समय रखने है गुरुमंत्र या नित्य पंचोपचार पूजन में नही
साधना करते समय आपको ये चार नियमों का पालन करना है
1* ब्रह्मचर्य का पालन करना है स्वप्नदोष से कोई दिक्कत नही है
2* शराब या भांग या कोई भी ऐसा नशा जो आपके दिमाग को कंट्रोल करें व नहीं करना हैं
3* अंडा ,मांस, मछली का प्रयोग नही करना है
4* पूरे साधना काल मे उसी कमरे में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना हैं
*ये कुछ जरूरी वस्तुएं हैं जो प्रत्येक साधक के पास होनी आवश्यक हैं*
रुद्राक्ष माला, सफेटिक माला, काली हकीक माला, हरि तस्वी माला,
गौ मुखी, आसन लाल , आसन के कपड़े, काले ,पिले, सफेद, हरे, रोली ,कलावा, सुगंधित इत्र, अगरबत्ती या धूपबत्ती
भोग में बतासे, मिश्री, या जो हो
साधना में मिठाई