जाप के प्रकार और साधना के परहेज / Jaap Ke Prkar Or Sadhna ke Parhej

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र 

जाप के प्रकार और साधना के परहेज क्या है

 जाप तीन प्रकार का होता है 
1. मानसिक - जो केवल मन मे होता है जीभ भी स्थिर हो जाये 

2. उपांशु-  जो कि आपके अलावा कोई न सुन सके न समझ सके बुदबुदाना

3.बाचिक - जोर जोर से बोलना जिसे दूर बैठा सुन सके कथा वाचक की तरह 

केवल गुरुमंत्र आंखे बंद करके मानसिक होगा
बाकी सभी मंत्र जाप खुली आँखों से उपाशुं करने हैं 
लाइट बन्द रहेगी दीपक का प्रकाश पर्याप्त है 
ये नियम केवल साधना और कवच सिद्ध के समय रखने है गुरुमंत्र या नित्य पंचोपचार पूजन में नही 

साधना करते समय आपको ये चार नियमों का पालन करना है 

1* ब्रह्मचर्य का पालन करना है स्वप्नदोष से कोई दिक्कत नही है 
2* शराब या भांग या कोई भी ऐसा नशा जो आपके दिमाग को कंट्रोल करें व नहीं करना हैं 
3* अंडा ,मांस, मछली का प्रयोग नही करना है 
4* पूरे साधना काल मे उसी कमरे में जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना हैं 

 *ये कुछ जरूरी वस्तुएं हैं जो प्रत्येक साधक के पास होनी आवश्यक हैं* 
 रुद्राक्ष माला, सफेटिक माला, काली हकीक माला, हरि तस्वी माला, 
गौ मुखी, आसन लाल , आसन के कपड़े, काले ,पिले, सफेद, हरे,  रोली ,कलावा, सुगंधित इत्र, अगरबत्ती या धूपबत्ती भोग में बतासे, मिश्री, या जो हो साधना में मिठाई

साधना की तैयारी केसे करें / Sadhna ki Tayari Kese Karen

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र

*साधना की तैयारी*


बहुत से साधक येसे है जो साधनाये  तो करते है मगर सफल नही होते उनकी सबसे मैन कमी ये होती कि वो लोग साधना को बिना तैयारी के करते है नतीजा ये होता है कि साधना असफल हो जाती है और वो लोग अपनी कमी देखने के बजाय तंत्र को दोष देने लग जाते है
आज मै आपको साधना की तैयारी के बारे मे कुछ जानकारी दे रहा हू ध्यान से पढें और करें आपको सफलता अवश्य मिलेगी

१. सबसे पहले योग्य गुरू से साधना का विधि विधान प्राप्त करें
२. *साधना कम से कम साधना वाले दिन से दस बारह दिन पहले लेनी चाहिये ताकि तैयारी कर* सकें
३. मंत्र को अच्छी तरह ये याद कर लेना चाहिये अटक अटक कर जाप किया मंत्र निष्फल हो जाता है
४. पूरी सामग्री ताजा, शुद्ध , और पूरी मात्रा मे खरीद कर रख लेनी चाहिये ताकि बीच में दिक्कत ना हो
५.  फल , फूल , मिठाई , दूध , दही वगैरह उसी दिन ताजी खरीद कर लाना चाहिये
६. तन , मन , धन से तैयारी करनी चाहिये साधना पूरे मन से , पूरे विश्वास से , पूरी श्रदा  के साथ करनी चाहिये बिना इनके साधना कभी सफल नही होती
७. *तंत्र को ,  मंत्र को , गुरू को  , इष्ट को , किसी शक्ति को* *आजमाने  के लिये साधना मत कीजिये क्योकि आपका* *अनुष्ठान बेकार तो जायेगा ही आपको नुकसान भी उठाना पड सकता है*
८. जल्दबाजी मे कोई भी साधना मत कीजिये क्योकि जल्दबाजी मे कोई काम सफल नही होता
तो साधना कैसे सफल होगी
९. अपनी हार को , परेशानी को , साधना के ऊपर हावी मत होने दें
नही तो आपको कुछ नही मिलेगा
१०. जाप के वक्त आपका ध्यान पूरी तरह से अपने मंत्र मे या उस मंत्र के देव मे होना चाहिये जिसका जाप कर रहे हो फिर चाहे वो मंत्र देव का हो या इतर योनि का हो
११.  साधना की पूरी प्रकिया को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिये
तब साधना शुरू करनी चाहिये
१२. साधना हमेशा प्रेम से , शान्ति से करनी चाहिये हडबडी  नही करनी चाहिये
१३. *सबसे जरूरी बात जिस गुरू *से आपने साधना ली है उस पर पूरा विश्वास करना चाहिये*
*क्योकि सबसे पहले पूजा गुरू की की जाती है और यदि उस पर भरोसा ही नही है केवल पूजा की  फार्मल्टी  कर रहे हो तो आप* *सारी जिन्दगी पूजा जाप करते रहो कभी सफल नही हो सकते क्योकि गुरू ही साधना मे सफलता की कुंजी होता है* *इसलिये गुरू पूजन सबसे पहले किया जाता है और यदि हमने* *उसका पूजन ही मन से नही किया तो बाकी कोई भी शक्ति तुम्हारे* *आवाहन पर नही आयेगी ये ध्यान रखना*