तीन वचन


[22/10, 8:40 a.m +.   हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


तीन वचन


कुछ साधक साधना करते है तो उनकी साधना जब सफल होती है तो उने समस्या होती है कि देव के प्रत्यक्ष होने पर क्या करे
आज मे बताता हू कि देव से किस प्रकार वचन लिये जाते है
साधना  के अन्तिम दिन विशेष तैयारी करनी चाहिये
चाहे साधना किसी की है
गुलाब के फूलो की माला अवश्य अपने पास रखे
देव के प्रत्यक्ष होने पर डरें नही
देव हमेशा जाप पूरा होने से पहले ही प्रत्यक्ष हो जाते है
लेकिन जब तक जाप पूरा ना हो जाये हमें आसन नही छोडना है चाहे जो हो जाये
जाप पूरा होने के बाद उठकर उने प्रणाम करे
कभी कभी किसी कारण से देव प्रत्यक्ष न हो तो माला का जाप उस रात बढा देना चाहिये तब तक जब तक देव प्रत्यक्ष न हो
माला गले मे डाल दें
जब वो पूछे कि क्या चाहिये या मे क्या काम करू या मेरे लिये क्या आज्ञा है या मुझे क्यो याद किया है तो उससे कहे  कि मे जब आपको याद करू तो आप उपस्थित हों
तब वह देव कहेगा कि मे फलाने मंदिर या किसी अन्य विशेष जगह पर नही आ सकता तो आप समझ कर हॉ करे नही तो उससे कुछ और शर्ते लगा कर हॉ करे

फिर दूसरा वचन ले कि मे जिस कार्य को कहू वो पूरा करे
तब वह देव कहेगा कि ठीक है लेकिन मे गलत काम या फलाना नही करूगा
तब उससे कह दे कि गलत कार्य आ पडा इमरजेन्सी मे  तो आपको करना होगा
लेकिन मे नार्मल नही करवाउगा
फिर जैसे सैदा हो जाये


फिर तीसरा वचन ले कि किसी कारण चाहे कोई गलती हो तुम मुझे या मेरे परिवार को किसी भी तरह से परेशान नही करोगे डराओगे नही सताओगे नही और सदैव रक्षा करोगे

तो वो सारे वचन दे देगा
सारे वचन तीन तीन बार कहलवा कर लें

कुछ साधनाओ मे शक्ति स्वयं ही आकर कह देती है कि मे तुम्हारी दासी या पत्नी या दोस्त या मॉ  के रूप मे मदद करूगा
या दोस्त या पत्नी बनकर रहूगा

कभी कभी देव कुछ गलत मॉग कर लेते है ऐसा करने पर कभी भी हॉ नही करना चाहिये
जैसे वो तुमसे तुम्हारे बच्चो की मॉग करता है तो उसे तुरन्त मना कर देना चाहिये
एसे ही कुछ देव आपकी पत्नी की मॉग भी कर सकते है
उने स्पष्ट मना कर दे
कभी कभी देव कहते है कि भाई मैं तुम्हारा इतना काम करूगा तो तुम मुझे खाना खिलाउगे  या भूखा रखोगे
तब होशियारी से बोल दीजिये कि काम होने के बाद मे आपको इतने लड्डू या मिठाई सेन्ट या इतनी अगरबत्ती दूगा
मात्रा अवश्य कह देनी चाहिये नही तो इनका पेट भरना साधक के लि़े ये सम्भव नही है
ये जब तुमे अपने साथ ले जाने की कहे तो तुरन्त मना कर दें येसा नही सोचे कि वो परीक्षा ले रहा है क्योकि तुमने कहा कि ठीक है मे साथ चलूगा तो वो तुमे तुरन्त ही मार देगा

साधना काल मे देव से जो वचन हो जाये जो तुम एग्रीमेन्ट कर लो  तो उसे किसी भी हाल मे तोडना नही चाहिये
नही तो बहुत दुख कष्ट भोगना पडता है
कभी भी कोई शक्ति जब तक तुम वचन नही तोडोगे तुमे परेशान नही करेगी चाहे वो कितनी भी उग्र हो तामसिक हो
और वचन टूटने पर हनुमान जी भी माफ नही करते ये याद रखना
ये मेरे अपने अनुभव है किताबी नही है

साधना के बाद आपका जीवन सुख से बीतेगा या दुख के साथ ये देवता से किये गये वचनो पर निर्भर करता है
देवता से हमेशा वही काम ले जिसका उससे वचन लिया गया है
अच्छे काम वाले से गलत न कराये
और गलत वाले से अच्छा न कराये
नही तो रोने के लिये तैयार रहे

सारे देव ठीक है कोई भी नाहक किसी साधक को परेशान नही करता
यदि तुमने उनसे मारण मोहन उच्चाटन विद्वेषण जैसे उग्र और घिनौने काम करवाये है तो आपको उनका फल भी भोगना होगा

और सबसे आवश्यक बात कि धन प्राप्ति के लिये उसकी कृपा का इन्तजार करे
सट्टे या लॉटरी के द्वारा नम्बर द्वारा धन चाहो तो उससे ये नम्बर रोज रोज नही मॉगने चाहिये
महीने दो महीने मे उससे लेने चाहिये

धन प्राप्ति के लिये उससे प्रार्थना करनी चाहिये उसे आदेश नही दे क्योकि आदेश देने पर वे धन दे तो देगे लेकिन वो धन टिकेगा नही जल्दी ही नष्ट हो जायेगा
जो वह प्रसन्न होकर देगा वो स्थायी रहेगा
सबसे बेहतर है अपने कामो मे उससे मदद लेते रहना
इन शक्तियो द्वारा हमेशा परोपकार करना चाहिये
जितना हो लोगो का भला करे
आप कभी दुखी नही रहोगे
वरना ये याद रखे

जब तूने औरौ को रूलाया
अब क्यो फूट के रोये रे
फूलो की है तुझको चाहत
फिर कॉटे क्यो बोये रे

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हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र
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1 comment:

  1. गुरुदेव बहोत कीमती जानकारी दी धन्यवाद

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