प्रेत साधना

                                                                            प्रेत साधना


प्रेत वेसे हठी होते है जल्दी वश मे नही होते लेकिन प्रेम से पूजन करने पर मित्र बना लेता है तो जमकर साथ निभाता है

प्रेत बहुत अच्छे सहायक सिद्ध होते है प्रेत साधना से साधक बहुत धन मान सम्मान प्राप्त करता है

प्रेत साधना किसी बबूल के नीचे ,सूने स्थान ,खंडहरो ,शीशम के पेड के नीचे ,सूखे कुओ ,तालाब के किनारे  ,रास्ते के किनारे के पीपल के पेड के नीचे की जाती है

तुमको जो स्थांन  उचित लगे वहॉ ये साधना कर सकते हो

शनिवार या अमावस्या की रात से शुरू करे
जब तुम्हारा सूर्य स्वर चले तब शुरू करे
रात ११ बजे के बाद

मित्र के रूप मे साधना करे

सबसे पहले कंबल का काले रंग का आसन ले उस पर दक्षिण मुख होकर बैठे
सामने सरसो के तेल का दीपक जलाये
अगर बत्ती जलाये

अपने कवच से अपने चारो तरफ गोल घेरा खीचें

गुरू गणेश इष्ट पूजन करे
पूजन धुप दीप फूल मिठाई जल  से करे

फिर प्रेतराज का पूजन करें
प्रार्थना करे सफलता के लिये
उसके बाद प्रेत का आवाहन करे
पूजन करे धूप दीप पुष्प सेन्ट चंदन मिठाई जल  दालभात और शराब से
दालभात किसी पत्तल मे रखे
कुल्लहड मे शराब दे
पानी दे

उसके बाद काले  हकीक माला से मंत्र का 25  माला का जाप करे

चालीस दिन करे
प्रेत के प्रकट होने पर वचन लेले

साधना मे कुछ डरावने अनुभव हो तो डरे नही ये सिर्फ दिखावा होते है कोई नुकसान नही होता

साधक चाहे कुछ भी हो जाये आसन से खडा नही हो जब तक जाप पूरा नही हो जाये
कोई दिक्कत हो तो सम्पर्क करे
मंत्र के लिये सम्पर्क करें

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र द्वारा जन हित मे जारी Mob No. 9690988493 / 8384844021

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