मंत्र शक्ति का प्रयोग

हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र


मंत्र शक्ति का प्रयोग


हम मंत्रो के जाप करके उने सिद्ध कर लेते है और हमें उनका प्रयोग करने का तरीका नही आता तो सब व्यर्थ है हमारी सारी मेहनत बेकार है

मेरे पास साधक ये पूछते है कि फलाने मंत्र का केसे प्रयोग करू
तो आज मे जानकारी दे रहा हू मंत्रो के प्रयोग के विषय में
ये जानकारी नये साधको के लिये आवश्यक है और बहुत काम की है

रक्षा मंत्रो का प्रयोग

हमने कोई रक्षा के लिये मंत्र या कवच सिद्ध किया है तो उससे हम भस्म को या पानी को अभिमंत्रित करके पिला सकते है

भस्म को बाये हाथ में लेकर मंत्र का पाठ करते रहें 11बार या जितनी तुम चाहो
और अंत में उस पर फूंक मारकर उस भस्म को पीडित को खिला दें और यदि दर्द या परेशानी किसी अंग में है तो थोडी सी भस्म उस पर लगा दें
बस कुछ मिनट में पीडित को आराम आ जायेगा

पानी पढना
येसे ही किसी कटोरी में या गिलास में पानी लेकर बाये हाथ में रखकर दाये हाथ की अनामिका और मध्यमा को पानी में हल्का सा स्पर्श करते हुये मंत्र का जाप करते जाये
मंत्र पूरा होने पर पानी में फूंक मारते जाये
११ बार या जितना तुम चाहो
बस फिर वो पानी पीडित को पिला देने से पीडित को आराम आ जाता है


धागा देना

लाल रंग या काले रंग का धागा लें जो मजबूत हो
यदि गंडा बनाना हो और यदि आता हो तो गंडा बनाते हुये मंत्र का पाठ करते रहे और मंत्र पूरा होने पर फूंक मारते रहे
फिर उसे दाये हाथ में अगुलियो पर लपेट कर मंत्र जाप करते हुये फूंक मारते रहे ११ बार या जितना तुम चाहो
फिर उसे पीडित के गले में या कमर में बॉध दें

कुछ भगत मियादी तौर पर गंडा देते है जो गलत है क्योकि मियाद पूरी होने पर वापस पीडित को परेशानी होने लग जाती है


झाडा देना

पीडित को मंत्र पढते हुये मोर पंख या नीम की टहनी  से या चाकू से मंत्र पढते हुये झाडा देते रहे
झाडे के समय ये ध्यान रखे कि जिससे हम झाड रहे है वो चाकू या झाडा हर बार जमीन को छूता
रहे


रक्षा मंत्रो में जहॉ पर अपनी रक्षा के  लिये सम्बोधन होता है वहॉ पर हमे पीडित का नाम लेना चाहिये
इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये
ताकि मंत्र का प्रभाव पीडित पर पूरा हो

जैसे
कीलू कीलू महा कीलू कीलू अपनी काया

तो इसे येसे बोलना है
कीलू कीलू महा कीलू कीलू अमुक की काया

अमुक की जगह पर पीडित का नाम लें


गुरू मंत्र से या अपने रक्षा मंत्रो से हर शनिवार या अमावस्या पूर्णिमा को पूरे घर में धूप को अभिमंत्रित करके देते रहना चाहिये
गंगाजल के छींटे मारते रहने चाहिये
इससे किसी का किया कराया प्रभावी नही होता
घर नकारात्मक शक्तियो से सुरक्षित रहता है
घर में सुख शान्ति रहती है

घर कीलना
घर के लिये भी येसे ही गंगाजल या धूप अभिमंत्रित करके घर मे देनी चाहिये
कीले लाकर उने अभिमंत्रित करके घर के चारो कोनो मे ठोंक सकते है

1 comment:

  1. Guruji pranam
    Mujhe yakshini sadhana sidh krni hai
    Kripya aap mera margdarsan kre

    ReplyDelete