हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र
पंचागुली साधना
आपने पंचागुली साधना के बारे मे पढा और सुना होगा
ये साधना काल ज्ञान के लिये सटीक होती है
ज्योतिषो के लिये ये साधना किसी वरदान से कम नही होती
इस पंचागुली साधना के तंत्र मे कई प्रकार है
जिसमे से एक प्रकार ये है कि साधक जातक की कनिष्ठा अंगुली को पकड कर उसका भूत भविष्य वर्तमान सब बताता है
हाथ मे कनिष्ठा पंचम अंगुली होती है
इसलिये इस साधना को पंचागुली साधना कहते है
पंचागुली साधना सात्विक और तामसिक दोनो विधा नो से सिद्ध होती है
मे यहॉ पर सात्विक विधान दे रहा हू जिसे जातको का भूत भविष्य कथन करना हो वो ये साधना अवश्य करें
साधना विधि
ये साधना किसी भी शुक्रवार को रात को दस बजे नहा धोकर शुद्ध होकर सफेद कपडे पहन कर लाल आसन पर पूरबमुुख बैठकर ये साधना करें
सामने एक भोजपत्र पर पंचागुली यंत्र को सफेद या लाल चंदन से बनाकर स्थापित
साधना के बाद ये यंत्र किसी ताबीज मे भरकर दायें हाथ या गले मे पहनना है
संकल्प लेले कि मे ये साधना जात को के भूत भविष्य जानने के लिये कर रहा हू
पहले गुरू गणेश इष्ट कुल देव पितरों स्थान देव का पंचोपचार पूजन दे देना
उसके बाद माता सरस्वती का ॐ ऐं सरस्वतयै नमः मंत्र से माता का पूजन करें
उसके बाद माता पंचागुली का आवाहन करें
सामने किसी थाली में माता रूप मे पूजा दें
माता को सात्विक पूजा दें
मोगरा की या चमेली की धूप सुगन्धी पसंद है
इनी का इत्र दें सफेद फूल दें
यदि कमल के फूल मिल जाये तो क्या कहने
पूरा पूजन
देकर मंत्र का रूद्राक्ष की माला से पॉच हजार का जाप करें
साधना के दौरान केवल दूध पीकर रहें
एक समय भोजन करें
सात्विक तरीके से रहें
ये अनुष्ठान पूरे एक महीने तक करते रहें
अनुष्ठान के दौरान कुछ अनुभव हो सकते है
या नही भी होते
लेकिन एक माह ये साधना लगातार की जाती है
पूरे विश्वास और समर्पण से यदि ये साधना की जाये तो
पहली बार मे ही सफलता मिल जाती है
साधना के अन्तिम दिन जाप करके यंत्र को ताबीज मे रखकर पहन लें
देवी या तो प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध हो जाती है तो सब कुछ कान मे बताती रहती है
यदि कुछ कमी रह जाती है तो अप्रत्यक्ष रूप से देवी की कृपा मिलती है
जिससे साधक जातक का सब कथन सत्य सत्य कह देता है
इस साधना मे धैर्य , विश्वास और समर्पण की बहुत ज्यादा जरूरत होती है
ये साधना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिद्ध होती ही है
काल ज्ञानियो के लिये ये साधना किसी वरदान से कम नही है
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें
*ये हमारे नए लिंक हैं सभी साधक इसे सेव करें*
ये मेरे लिंक है
YouTube:- https://www.youtube.com/channel/UCuNo9u5y9rqMq1T_CrPilDg
ब्लॉग:- https://hareshtantrakendra.blogspot.in
*निशुल्क तंत्र मंत्र साधना के लिये सम्पर्क करें*
हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र
9690988493
8384844021
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इस पंचागुली साधना के तंत्र मे कई प्रकार है
जिसमे से एक प्रकार ये है कि साधक जातक की कनिष्ठा अंगुली को पकड कर उसका भूत भविष्य वर्तमान सब बताता है
हाथ मे कनिष्ठा पंचम अंगुली होती है
इसलिये इस साधना को पंचागुली साधना कहते है
पंचागुली साधना सात्विक और तामसिक दोनो विधा नो से सिद्ध होती है
मे यहॉ पर सात्विक विधान दे रहा हू जिसे जातको का भूत भविष्य कथन करना हो वो ये साधना अवश्य करें
साधना विधि
ये साधना किसी भी शुक्रवार को रात को दस बजे नहा धोकर शुद्ध होकर सफेद कपडे पहन कर लाल आसन पर पूरबमुुख बैठकर ये साधना करें
सामने एक भोजपत्र पर पंचागुली यंत्र को सफेद या लाल चंदन से बनाकर स्थापित
साधना के बाद ये यंत्र किसी ताबीज मे भरकर दायें हाथ या गले मे पहनना है
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पहले गुरू गणेश इष्ट कुल देव पितरों स्थान देव का पंचोपचार पूजन दे देना
उसके बाद माता सरस्वती का ॐ ऐं सरस्वतयै नमः मंत्र से माता का पूजन करें
उसके बाद माता पंचागुली का आवाहन करें
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मोगरा की या चमेली की धूप सुगन्धी पसंद है
इनी का इत्र दें सफेद फूल दें
यदि कमल के फूल मिल जाये तो क्या कहने
पूरा पूजन
देकर मंत्र का रूद्राक्ष की माला से पॉच हजार का जाप करें
साधना के दौरान केवल दूध पीकर रहें
एक समय भोजन करें
सात्विक तरीके से रहें
ये अनुष्ठान पूरे एक महीने तक करते रहें
अनुष्ठान के दौरान कुछ अनुभव हो सकते है
या नही भी होते
लेकिन एक माह ये साधना लगातार की जाती है
पूरे विश्वास और समर्पण से यदि ये साधना की जाये तो
पहली बार मे ही सफलता मिल जाती है
साधना के अन्तिम दिन जाप करके यंत्र को ताबीज मे रखकर पहन लें
देवी या तो प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध हो जाती है तो सब कुछ कान मे बताती रहती है
यदि कुछ कमी रह जाती है तो अप्रत्यक्ष रूप से देवी की कृपा मिलती है
जिससे साधक जातक का सब कथन सत्य सत्य कह देता है
इस साधना मे धैर्य , विश्वास और समर्पण की बहुत ज्यादा जरूरत होती है
ये साधना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिद्ध होती ही है
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गुरु जी यह साधना में भी करना चाहता हूं आप मुझे भी सिखाएंगे सिखाएंगे
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