काल भैरव साबर साधना
ये साधना कमजोर साधक ना करें
इसमें डरावने अनुभव हो सकते है
इस साधना में काल भैरव के प्रत्यक्ष दरसन होते है
विधि
ये साधना मंगल वार की अमावस्या जिसे भौमावती अमावस्या कहते है
या शनिवार से
या कृष्ण पक्ष की अष्टमी से सुरू करें
साधक रात को नहा धोकर दक्षिण मुखी होकर काले वस्त्र पहन कर काले आसन पर बैठे
रात 11 बजे
सुरक्षा घेरा खींच कर बैठे
सामने भैरव की काले रंग की मूर्ति रखें
जो कम से कम सवा फुट की हो
सरसो के तेल का दीपक जला़ये
सिन्दूर से मूर्ति के तिलक करें
और अपने तिलक करें
गुरू गनेस इष्ट कुलदेव पितरो स्थानदेव का पंचोपचार पूजन दें
महाकाली का पूजन दें
सबसे साधना मे सफलता हेतु प्रार्थना करें
उसके बाद काल भैरव का दाये हाथ मे चावल लेकर आवाहन करें उस मूर्ति मे
उस के बाद उनका पूजन करें
धूप दीप से
एक खप्पर मे सात उडद की दाल के पुये जिने मगौडे बोलते है
वो भैंट करें
दही बडा भैंट करें
बूदीं का लडूडू भैट करें
एक पान सीधा एक पान उल्टा रखकर उसपर बताशे मे दो लोंग लगाकर कपूर पर रखकर जला दें
यदि तामसिक रूप से करें तो इन सब के साथ एक खप्पर मे कच्चा अंडा कलेजी रखकर उसपर शराब डालकर आग लगा दें
इतना करके रूद्राक्ष की माला से एक माला गुरू मंत्र का जाप करें
फिर काल भैरव के मंत्र का पॉच माला का जाप करें
जाप मे अनुभूति होने पर डरें नही
जाप पूरा करके गलती की छमा मॉगे
और वही उस कमरे मे सोये
दूसरे दिन किसी काले कुत्ते को वो सारा भोग का सामान खिला दें
नित्य यही क्रिया करते रहें
40 वें दिनजब भैरव दरसन दें तो डरें नही
गुलाब के फूलो की माला पहना दें
और मनोकामना बता दें
जो मॉगोगे वही मिलेगा
सिद्धी को गोपनीय रखें
नित्य एक माला का जाप करते रहें
मूर्ति को घर मे ही स्थापित कर लें
भैरव कृपा से आपका हर कार्य सिद्ध होगा
अधिक जानकारी के लिये पढें
ये मेरे लिंक है
Website:- www.hareshtantra.com
YouTube:- https://www.youtube.com/HareshTantraShaktiSadhanaKendra
ब्लॉग:- https://hareshtantrakendra.blogspot.in
निशुल्क तंत्र मंत्र साधना सीखने के लिये सम्पर्क करें
हरेश तंत्र शक्ति साधना केन्द्र
9690988493
8384844021
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या शनिवार से
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साधक रात को नहा धोकर दक्षिण मुखी होकर काले वस्त्र पहन कर काले आसन पर बैठे
रात 11 बजे
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सामने भैरव की काले रंग की मूर्ति रखें
जो कम से कम सवा फुट की हो
सरसो के तेल का दीपक जला़ये
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और अपने तिलक करें
गुरू गनेस इष्ट कुलदेव पितरो स्थानदेव का पंचोपचार पूजन दें
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एक पान सीधा एक पान उल्टा रखकर उसपर बताशे मे दो लोंग लगाकर कपूर पर रखकर जला दें
यदि तामसिक रूप से करें तो इन सब के साथ एक खप्पर मे कच्चा अंडा कलेजी रखकर उसपर शराब डालकर आग लगा दें
इतना करके रूद्राक्ष की माला से एक माला गुरू मंत्र का जाप करें
फिर काल भैरव के मंत्र का पॉच माला का जाप करें
जाप मे अनुभूति होने पर डरें नही
जाप पूरा करके गलती की छमा मॉगे
और वही उस कमरे मे सोये
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नित्य यही क्रिया करते रहें
40 वें दिनजब भैरव दरसन दें तो डरें नही
गुलाब के फूलो की माला पहना दें
और मनोकामना बता दें
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